Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
नई शिक्षा नीति से मिलेगी प्रबंधन स्टडी को मजबूतीः निशंक
Subscribe for notification

नई शिक्षा नीति से मिलेगी प्रबंधन स्टडी को मजबूतीः निशंक

संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल  ‘निशंक’ ने कहा है  कि नी शिक्षा नीति से प्रबंधन पाठ्यक्रमों को मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने 20 अगस्त को एआईएमए यानी अखिल भारतीय प्रबंधन संघ के 25 वें दीक्षांत समारोह में कहा कि प्रबंधन हमारी प्राचीन सभ्यताओं का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में प्रबंधन शिक्षा और भारतीय व्यापार में बड़ा बदलाव आया है और इसी को ध्यान में रख कर हुए हम नई शिक्षा नीति लेकर आएं हैं। ।

उन्होंने कहा कि कहा कि प्राचीन मोहनजोदड़ो और  हड़प्पा सभ्यताओं में भी प्रबंधकीय कुशलता के साक्ष्य मिलते हैं। सात हजार वर्ष पहले लिखी गई श्रीमदभागवत गीता हमें प्रबंधकीय ज्ञान की शिक्षा देती है। भारत के प्राचीन महाकाव्य रामायण और महाभारत, वेद, श्रुति, स्मृति तथा  पुराण हमें प्रबंधन का महत्व सिखाते है। वेदों जैसे कि ब्राह्मण और  धर्मसूत्रों में प्रबंधन, ज्ञान और कौशल का विवरण है। कौटिल्य जो कि चाणक्य  के नाम से भी जाने जाते है, चन्द्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य के  प्रधानमंत्री थे और सभी प्रशासनिक कुशलता के लिए प्रसिद्ध थे।

डॉ निशंक ने एआईएसएचई की 2018-19 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्नातकोत्तर स्तर के अधिकांश छात्र सामाजिक विज्ञान (2.75 लाख) तथा प्रबंधन (2.17 लाख) को तरजीह देते हैं जबकि स्नातक स्तर पर, प्रबंधन स्ट्रीम में 4.05 लाख छात्रों के साथ कुल 6.5 लाख छात्र हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विकास की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि प्रबंधन के विद्यार्थी आगे आएं और ‘भारतीय विचारों के वैश्विककरण’ हेतु नीतियां विकसित करें।  प्रधानमंत्री ने भारत को 2025 तक पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की कल्पना की है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रबंधन शिक्षा एक प्रमुख घटक है। नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों जैसे प्रबंधन शिक्षा पर पर्याप्त बल दिया है। प्रबंधन शिक्षा बहुआयामी प्रकृति की है और इसे प्रभावी संचार, महत्वपूर्ण सोच, समझ और विश्लेषणात्मक कौशल की जरूरत है।
 

admin

Recent Posts

21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर में लोकमंथन का आयोजन, राष्ट्रपति मुर्मू 22 को करेंगी उद्घाटन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव…

16 hours ago

खालिस्तानी पन्नू की हत्या की साजिश का आरोपी विकास ने बताया जान को खतरा, अदालत से लगाई पेशी से छूट देने की गुजारिश

दिल्लीः खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में आरोपी विकास यादव ने अपनी जान को खतरा बताया…

3 days ago

शोध पर लालफीताशाही भारी, आजकल सारा उद्देश्य पेट भरने का, चार प्रतिशत जनसंख्या वालों को 80 प्रतिशत संसाधन चाहिएः डॉ. भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे गुरुग्रामः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि  आज कर…

5 days ago

PoK में नहीं होगा चैंपियंस ट्रॉफी का टूर, ICC ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मना किया

स्पोर्ट्स डेस्क8 ICC यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने पीओके यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चैंपियंस ट्रॉफी का टूर…

5 days ago

अब छात्र दो साल में ही पूरा कर सकेंगे ग्रेजुएशन, UGC अगले साल तक ला सकता है नई पॉलिसी; कमजोर विद्यार्थी 05 साल तक बढ़ा सकेंगे कोर्स ड्यूरेशन

दिल्लीः अब विद्यार्थी दो साल में ही ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर सकेंगे। UGC यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन अगले अकादमिक…

5 days ago