दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ईमानदार करदाता की राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है । उन्होंने कहा कि जब ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वह आगे बढ़ता है तो देश विकास करता है तथा आगे भी बढ़ता है। मोदी ने 13 अगस्त को देश के ईमानदार करदाताओं के लिए नया प्लेटफॉर्म ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट यानी पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान लॉन्च किया। उन्होंने बताया कि इसमें तीन बड़े सुधार – फेसलेस एसेसमेंट, टैक्सपेयर चार्टर और फेसलेस अपील शामिल हैं। इनमें से पहले दो – फेसलेस एसेसमेंट, टैक्सपेयर चार्टर 13 अगस्त से लागू हो गए हैं। वहीं फेसलेस अपील की व्यवस्था 25 सितंबर यानी दीनदयाल उपाध्याय जन्मदिवस से लागू होगी।
- फेसलेस एसेसमेंट: आप जिस शहर में रिटर्न फाइल कर रहे हैं, वहां का इनकम टैक्स अफसर आपका केस नहीं देखेगा, बल्कि कंप्यूटराइज्ड प्रोसेस से देशभर के किसी भी अफसर को केस अलॉट हो जाएगा। इससे इनकम टैक्स अफसर करदाताओं को बेवजह परेशान नहीं कर सकेंगे।
- टैक्सपेयर चार्टर: इसका मकसद करदाताओं की दिक्कतें कम करना और अफसरों की जवाबदेही तय करना है। ताकि ईमानदार करदाताओं को सम्मान मिले और उनकी शिकायतों का जल्द समाधान हो जाए।
- फेसलेस अपील: नोटिस मिलने के बाद के प्रक्रिया को लेकर भी करदाता को कोई आपत्ति है तो वह अपील कर सकता है। यह भी फेसलेस प्रोसेस होगी यानी अपील करने वाले और जिस अफसर के पास अपील पहुंचेंगी वे दोनों एक-दूसरे से अनजान रहेंगे।
पीएम मोदी के भाषण की महत्वपूर्ण बातेंः- - पीएम मोदी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण तोहफे के लिए करदाताओं को बधाई देता हूं । आयकर विभाग के अफसरों, कर्मचारियों को शुभकामनाएं देता हूं। बीते छह साल में हमारा फोकस रहा है, बैंकिंग द अनबैंक, सिक्योरिंग द अनसिक्योर और फंडिंग द अनफंडेड। आज एक नई यात्रा शुरू हो रही है। ऑनरिंग द ऑनेस्ट, ईमानदार का सम्मान। देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बड़ी भूमिका निभाता है। वो आगे बढ़ता है तो देश भी आगे बढ़ता है।
- उन्होंने बताया कि आज से शुरू हो रहीं नई सुविधाएं देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आज हर नियम कानून को, हर पॉलिसी को प्रोसेस और पावर सेंट्रिक एप्रोच से निकालकर उसे पीपुल सेंट्रिक और पब्लिक फ्रेंडली बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं। आज हर किसी को ये अहसास हुआ है कि शॉर्ट कट ठीक नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सवाल यह है कि बदलाव कैसे आ रहा है? मोटे तौर पर कहूं तो इसके चार कारण हैं- पहला- पॉलिसी ड्रिवन गवर्नेंस। दूसरा- सामान्य जन की ईमानदारी पर विश्वास। तीसरा- सरकारी सिस्टम में ह्यूमन इंटरफेस को कम कर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल। चौथा- सरकारी मशीनरी में एफिशिएंसी, इंटीग्रिटी और सेंसेविटी के गुण को रिवॉर्ड किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि एक दौर था जब रिफॉर्म की बड़ी बातें होती थीं। दबाव में लिए गए फैसलों को भी रिफॉर्म कह दिया जाता था। अब ये सोच और अप्रोच बदल गई है। हमारे लिए रिफॉर्म का मतलब है कि ये नीति आधारित हों। टुकड़ों में नहीं हों और एक रिफॉर्म दूसरे रिफॉर्म का आधार बने। ऐसा भी नहीं है कि हम एक बार रिफॉर्म करके रुक गए। बीते कुछ सालों में 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म किया गया है। ईज ऑफ डूइंग में कुछ साल पहले भारत 134 वें नंबर पर था, अब 63वें नंबर पर है। इसके पीछे कई रिफॉर्म्स हैं।
मोदी ने बताया कि 2012-13 में जितने रिटर्न फाइल होते थे, उनमें से 0.94% की स्क्रूटनी होती थी। 2018-19 में ये घटकर 0.26% पर आ गई यानी स्क्रूटनी चार गुना कम हुई है। रिटर्न भरने वालों की संख्या में बीते 6-7 सालों में करीब 2.5 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि 130 करोड़ लोगों के देश में टैक्स भरने वालों की संख्या बहुत कम है। सिर्फ 1.5 करोड़ साथी ही आयकर जमा करते हैं। आपसे अपील करूंगा कि इस पर हम सब को चिंतन करने की जरूरत है। ये आत्मनिर्भर भारत के लिए जरूरी है।
पीएम ने बताया कि अब दर्जनों टैक्स की जगह जीएसटी आ गया है। रिटर्न से लेकर रिफंड तक की व्यवस्था को आसान किया गया है। पहले 10 लाख रुपए से ऊपर के टैक्स विवादों में सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाती थी। अब हाईकोर्ट में एक करोड़ और सुप्रीम कोर्ट में दो करोड़ रुपए तक के मामलों की सीमा तय की गई है। कम समय में ही लगभग तीन लाख विवादों को सुलझाया जा चुका है। पांच लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब पर भी कम हुआ है। कॉर्पोरेट टैक्स के मामले में भारत दुनिया के सबसे कम टैक्स लेने वाले देशों में से एक है।