विदेश डेस्क
प्रखर प्रहरी
वाशिंगटनः अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति चुनाव से पहले भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला देवी हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित दिया किया है। इसके साथ ही पार्टी ने एक तीर से कई निशान साधने की कोशिश की हैं।
पार्टी के राष्ट्रपति बद के उम्मीदवार जो बिडेन के हाथों में लगभग 15 दिन पहले एक कागज नजर आया था, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। उस कागज पर पांच नाम लिखे थे, जिसमें कमला का नाम सबसे ऊपर था। उसी समय से यह कयास लगाये जा रहे थे कि कमला ही डेमोक्रेट्स के लिए उप राष्ट्रपति पद की पहली पसंद हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तो सार्वजनिक तौर पर कमला का नाम प्रस्तावित किया था।
डेमोक्रेटिक पार्टी कमला को नस्लीय समानता का प्रतीक बताती रही है। पिछले साल विस्कोन्सिन में डेमोक्रेटिक पार्टी कन्वेशन्श में बिडेन ने कहा था कि कमला जितनी भारतीय मूल की हैं, उतनी ही अफ्रीकी मूल की भी हैं। यह साबित करता है कि अमेरिका में नस्लीय भेदभाव नहीं होता। वह काबिल हैं और उन्हें अमेरिकी संस्कृति की जड़ों की जानकारी है।
डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर भारतीय और अफ्रीकी मूल के लोगों को साधने की कोशिश की है। भारतीय मूल के लोग डेमोक्रेट्स के समर्थक माने जाते हैं। यही वजह है कि बराक ओबामा हों या जो बिडेन या फिर हिलेरी क्लिंटन। सभी ने भारतीयों को घरेलू राजनीति में तवज्जो दी। हाल के दिनों जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एच-1बी वीजा पर सख्त प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था, तो डेमोक्रेट्स ने आदेश में बदलाव की मांग की। पार्टी के दवाब के कारण ट्रम्प को झुकना पड़ा और आदेश लगभग वापस ले लिया गया। अब कमला को उप राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाकर पार्टी भारतीयों के साथ ही अफ्रीकी मूल के नागरिकों को भी यह संदेश देना चाहती है कि वह रिपब्लिकन पार्टी से बिल्कुल अलग सोच रखती हैं। पार्टी अपनी इस चाल के जरिये अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद रिपब्लिकन पार्टी प्रति अश्वेतों की नाराजगी का भी फायदा उठाना चाहती है।
डेमोक्रेटिक पार्टी कमला को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह अलग राय रखने वाले या विरोध करने वाले व्यक्तियों को भी तवज्जों देती है। आपको बता दें कि कमला पार्टी की ऑन रिकॉर्ड मीटिंग्स में कमला कई बार जो बिडेन की आलोचना कर चुकी हैं। कमला ने पिछले साल बिडेन की आलोचना करते हुए कहा था कि जब आप खुद के बारे में सोचते हैं तो उसके पहले राष्ट्र के बारे में सोचना चाहिए। हमें ये तय करना होगा कि ट्रम्प का विरोध करते हुए हम विदेश नीति को लेकर बहुत नर्म रवैया अख्तियार न करें। अमेरिका को अव्वल बनाए रखने के लिए सख्त और नर्म नीतियों में तालमेल रखना जरूरी है।