दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने 11 साल पुराने अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के स्पष्टीकरण नामंजूर कर दी है। कोर्ट ने 10 अगस्त को इस मामले को गुण-दोष के आधार पर भूषण के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला जारी रखने का फैसला लिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआरगवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि हमें इस बात को परखने की जरूरत है कि भूषण का भ्रष्टाचार को लेकर दिया गया बयान अदालत की अवमानना का मामला बनता है या नहीं? इसलिए इस मामले की सुनवाई करना जरूरी है।
उधर, भूषण ने इस मामले को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया गया। वहीं भूषण के पिता एवं पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने कोर्ट से अपनी बातें रखने की इजाजत मांगी। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि वह 17 अगस्त को उन्हें अपनी बात रखने का मौका देंगे।
आपको बता दें कि कोर्ट ने चार अगस्त को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला तहलका पत्रिका में प्रकाशित भूषण के इंटरव्यू से संबंधित है, जिसमें उन्होंने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार संंबंधी बयान दिये थे।