दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः आज का दिन या पांच अगस्त 2020 इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। आज अयोध्या जी ने 492 साल बाद अपने इतिहास का पन्ना फिर से पलट दिया। से ठीक 492 साल पहले 1528 राम मंदिर को गिराकर यहां बाबरी मस्जिद बना दी गई थी। आजादी के बाद लंबा मुकदमा चला और से लगभग नौ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहास फैसला फैसला सुनाया था। कोर्ट ने विवादित भूमिक को श्री रामलला को दे दी थी। जहां आज राम काज शुरू हो गया।
भगवान श्री राम के मंदिर का आंदोलन बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने चलाया था, लेकिन मंदिर निर्माण की नींव रखने का मौका प्रधानमंत्री होने के नाते नरेंद्र मोदी को मिला। यह दिन भी काफी अहम है। आज के ही दिन यानी पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 तथा 35 ए को समाप्त किया गया था और राज्य को लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर नाम से दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था।
मोदी आज सुबह यहां पहुंचे। इसके साथ ही हनुमान गढ़ी में पूजा करने वाले और रामलला के दर्शन करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। मोदी से पहले भारत के तीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी अयोध्या पहुंचे थे, लेकिन रामलला के दर्शन नहीं कर पाए थे। मोदी 29 साल बाद अयोध्या आए थे। इससे पहले वह 1991 में बीजेपी अध्यक्ष डॉ.मुरली मनोहर जोशी तिरंगा यात्रा के दौरान अयोध्या आए थे। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के समय फैजाबाद-अंबेडकर नगर में एक रैली को संबोधित किया था, लेकिन अयोध्या नहीं गए थे।