दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः आज श्रावण मास का पूर्णिमा है और आज के दिन देशभर में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतिश रक्षाबंधन पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। बदले में भाई बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन का त्योहार हर साल सावन महीने के आखिरी दिन यानी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार सबसे पहले देवराज इंद्र को उनकी पत्नी शचि ने राखी बांधी थी, जिससे इंद्र को युद्ध में जीत मिली। वहीं वामन पुराण के अनुसार, राजा बलि को लक्ष्मीजी ने राखी बांधी थी। पहले रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन के लिए ही नहीं था। वैदिक और पौराणिक काल में निरोगी रहने, उम्र बढ़ाने और बुरे समय से रक्षा के लिए योग्य ब्राह्मणों द्वारा अन्य लोगों को रक्षा सूत्र बांधा जाता था।

रक्षाबंधन के दिन में तीन मुहूर्त:-
इस बार रक्षाबंधन पर सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। आज के दिन सुबह 7.30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। इसके साथ ही पूर्णिमा भी रात में 9.30 तक रहेगी। इसलिए सुबह 9.29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं।
सुबह 9:35 से 11.07 तक
दोपहर 2.35 से 3.35 तक
शाम 4.00 से रात 8.35 तक

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