संवाददाता
प्रखर प्रहरी
लखनऊः प्राण घातक कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। योगी सरकार प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरूण का 02 अगस्त को इसके निधन हो गया। वह 62 साल की थी। यूपी में कोरोना से किसी मंत्री की मौत की यह पहली घटना है।
यूपी में कानपुर के घाटमपुर की विधायक कमल रानी वरूण को 18 जुलाई को कोरोना से संक्रमित पाई गई थीं। उन्हें उपचार के लिए लखनऊ के एसजीपीजीआई यानी संजय गांधी स्नानाकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान के एपेक्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली।
3 मई 1958 को लखनऊ में जन्मी कमल रानी वरुण की शादी कानपुर के रहने वाले किशन लाल वरुण से हुई थी। किशन लाल एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी और आरएसएस के प्रतिबद्ध स्वयंसेवक थे। कमल रानी ने 1977 में पहली बार मतदाता पर्ची काटने का काम शुरू कर राजनीति में प्रवेश किया था। वह 1989 में कानपुर के द्वारिकापुरी वॉर्ड से बीजेपी के टिकट पर पार्षद बनीं। 1995 में वह दूसरी बार पार्षद का चुनाव जीतीं।
साल 1996 में बीजेपी उन्हें उस घाटमपुर (सुरक्षित) संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने जीत हासिल की। 1998 में वह इसी सीट से दूसरी बार चुनाव जीत कर सांसद बनीं, लेकिन 1999 के लोकसभा चुनाव में महज 585 मतों से वह बीएसपी के प्यारेलाल संखवार से चुनाव हार गई थीं। सांसद रहते हुए कमलरानी ने लेबर ऐंड वेलफेयर, उद्योग, महिला सशक्तिकरण, राजभाषा और पर्यटन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समितियों में भी काम किया।
कमल रानी वरूण के निधन से व्यथित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपना अयोध्या दौरा निरस्त कर दिया है। उन्होंने कमल रानी वरूण के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “ उत्तर प्रदेश सरकार में मेरी सहयोगी, कैबिनेट मंत्री श्रीमती कमल रानी वरुण जी के असमय निधन की सूचना व्यथित करने वाली है। प्रदेश ने आज एक समर्पित जननेत्री को खो दिया। उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें। ॐ शांति।”