दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः भारत ने 2017 से 2024 तक वायु में प्रदूषणकारी कणों का अनुपात 20 से 30 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह बातें आज ब्रिक्स देशों के पर्यावरण मंत्रियों के 6वें सम्मेलन में वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं सूचना- प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कही। उन्होंने कहा कि भारत ने देश में आबोहवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए ठोस उपाय उठाये हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ब्रिक्स को बहुत महत्व देता है। इस मंच के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपने अपने श्रेष्ठ अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। इस सम्मेलन की अध्यक्षता रूस ने की तथा इसमें ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया।

उन्होंने ब्रिक्स के करार के अंतर्गत विभिन्न कदमों के तुरंत क्रियान्वयन करने की जरूरत पर बल दिया और वायु प्रदूषण कम करने, सतत शहरी प्रबंधन, समुद्री कचरे के निस्तारण और नदियाें की सफाई के बारे में भारत के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि भागीदारी, समान किन्तु भिन्न -भिन्न जिम्मेदारियों, वित्त एवं तकनीक संबंधी साझीदारियों से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लक्ष्यों को हासिल करने में कामयाबी मिल सकती है। भारत पेरिस समझौतें तथा अपनी जलवायु संबंधी प्रतिबद्धताओं पर कायम है।

जावडेकर ने बताया कि वर्ष 2015 में भारत ने दस शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक निगरानी प्रणाली शुरू की थी। आज यह 122 शहरों में उपलब्ध है। 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है जिसके अंतर्गत 2017 की तुलना में वर्ष 2024 तक वायु में प्रदूषण कारी कणों का अनुपात 20 से 30 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य तय किया गया है।
              

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