दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर आपत्तिजनक ट्वीट करने को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया है। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने आज इस मामले की सुनवाई की और भूषण को नोटिस जारी करके पूछा है कि उनके खिलाफ अपराधिक अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए?
इस दौरान भूषण के सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले से ट्विटर ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमें इस मामले से कोई लेना देना नहीं। यदि आप आदेश दें, तो हम आपत्तिजनक ट्वीट हटाने को तैयार हैं!मामले में अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी। कोर्ट ने भूषण के विवादित ट्वीट का स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ मंगलवार को अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। कोर्ट ने श्री भूषण के साथ ट्विटर इंडिया को भी इस मामले में प्रतिवादी बनाया है।
आपको बता दें कि भूषण न्यायपालिका पर लगातार हमले कर रहे हैं। वह कोविड-19 महामारी में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा से जुड़ी याचिकाओं पर शीर्ष अदालत के फैसलों की तीखी आलोचना करते रहे। इसी कड़ी में 27 जून ट्विटर पर उन्होंने लिखा था कि ‘जब भविष्य में इतिहासकार पिछले छह साल पर नजर डालेंगे कि कैसे आपातकाल की औपचारिक घोषणा के बिना भारत में लोकतंत्र को कुचल दिया गया है तो वे इस बर्बादी में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका का विशेष जिक्र करेंगे और खासकर पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका की।
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