संवाददाता
प्रखर प्रखर
लखनऊःमध्यप्रदेश के राज्यपाल एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन का आज सुबह यहां निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। इस बात की जानकारी यूपी सरकार में मंत्री एवं लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”बाबूजी नहीं रहे।”
टंडन कई दिनों से बीमार थे और उनका लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने आज सुबह 5.35 बजे अंतिम सांस ली। टंडन को सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेशाब में दिक्कत के कारण 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 15 जून को उनकी तबीयत अधिक बिगड़ गई थी। पेट में ब्लीडिंग होने पर उनका ऑपरेशन भी किया गया था। इसके बाद से वह लगातार वेंटिलेटर पर थे। उनकी तबीयत खराब होने के चलते यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। उनका पार्थिव शरीर 9:30 बजे त्रिलोकनाथ रोड स्थित सरकारी बंगले पर जाएगा। यह बंगला उनके पुत्र मंत्री आशुतोष टंडन के नाम आवंटित है। 12:00 बजे उनका पार्थिव शरीर चौक स्थित आवास सोंधी टोला जाएगा। वहीं तीन बजे उनका अंतिम संस्कार गोमती तट पर गुलाला घाट पर किया जाएगा।
टंडन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी माने जाते थे। उन्होंने वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी। बाद में वाजपेई के निधन के बाद टंडन लखनऊ से ही 15वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। उन्हें 2018 में बिहार का राज्यपाल बनाया गया था। इसके बाद 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टंडन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर शोक संदेश में लिखा, “ लालजी टंडन को समाज सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई, हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया। उनके निधन से दुखी हूं।”
उधर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा “मप्र के मा. राज्यपाल लालजी टंडन जी के निधन की खबर सुनकर शोक हुआ। उनके निधन से देश ने एक लोकप्रिय जननेता,योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है। वे लखनऊ के प्राण थे। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति हेतु प्रार्थना करता हूँ। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।”