दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने यूपी को कुख्यात अपराधी विकास दुबे एनकाउटर मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित न्यायिक आयोग को पुनर्गठित करेगा। कोर्ट इस बारे में बुधवार यानी 22 जुलाई को आदेश जारी करेगा।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे,जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रमासुब्रमण्यम की बेंच ने आज इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और यूपी सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की दलीलें सुनने के बाद यह बातें कही। पीठ कहा कि वह राज्य सरकार की ओर से गठित जांच आयोग का पुनर्गठन करेगी और इसमें सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को जोड़ेगी। कोर्ट के इस फैसले पर राज्य सरकार ने हामी भरी, जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुववाई की तारीख 22 जुलाई मुकर्रर की और सॉलिसिटर मेहता को इस संबंध में अधिसूचना का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया।

इससे पहले सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बोबडे यूपी में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किये। सुनवाई के दौरान मेहता ने जब कोर्ट को बताया कि दुबे पर 65 मामले दर्ज थे और वह पैरोल पर बाहर था। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि विकास दुबे क्या था, यह कोर्ट को मत बताइए। आप यह बताइये कि इतनी वारदात को अंजाम देने के बाद भी वह जमानत पर बाहर कैसे था
कोर्ट पेशे से वकील घनश्याम उपाध्याय, अनूप प्रकाश अवस्थी, विवेक तिवारी के अलावा गैर-सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) तथा कुछ अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई कर रहा था।

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