जनरल डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः आज हम आपको बताने जा रहे हैं सरसों के तेल के के उपयोग की विधि और इसके लाभ। दोस्तों बरसात के मौसम में सरसों के तेल का उपयोग बेहद लाभप्रद होता है। यह आपको कई तरह की बीमारियों से बचाता है।

बरसात के मौसम में सरसों का तेल सर्दी, जुकाम, फ्लू आदि के साथ ही फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरिया जनित बीमारिया होने का खतरा भी बहुत अधिक रहता है। विशेष तौर पर वैसे स्थिति में जब आप अधिक समय तक पानी में रह कर काम करते हैं या बारिश के पानी में भीगने के बाद काफी समय तक गीले कपड़ों में ही रह जाते हैं।

ऐसी परिस्थिति में गले और फेफड़े से जुड़े संक्रमण काफी तेजी से पनपते हैं। साथ ही खुजली, रैशेज और फंगस जैसी दिक्कतें भी उत्पन्न हो जाती हैं।। इनके चलते आराम से बैठना और लेटना मुश्किल हो जाता है। खुजली किसी भी काम में ध्यान नहीं लगाने देती और ना ही आराम करने देती है। इस तरह की सभी स्थितियों से बचने के लिए सरसों का तेल बहुत अधिक सहायक है। आइए आपको बताते हैं इसके उपयोग की विधियां और लाभ…

  • यदि आपको बारिश के कारण या अन्य किसी मौसम जनित समस्या के चलते लगातार छींक आना, नाक बहना या नाक से सांस ले पाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको दिन में कम से कम तीन बार नाक के दोनों नॉस्टल्स में सरसों का तेल लगाएं।
  • -सरसों का तेल ऐंटिबैक्टीरियल खूबियों से भरपूर होता है। यह संक्रमण से मुक्ति दिलाता है। साथ ही नाक में सूक्ष्म छिद्रों की को नमी देकर उनकी ड्राईनेस दूर करने का कार्य करता है। इससे नाक में खुजली और सूखापन जैसी समस्याएं खत्म हो जाती है।
  • -यदि आपके गले में सूजन, जलन, खराश, भोजना को निगलने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो रात को सोते समय गले पर हल्के गुनगुने सरसों तेल को लगा लें। साथ ही नाक के दोनों सुरों में इसे भी लगा लें। इससे आपको राहत महसूस होगी।
  • -सरसों के तेल में ऐंटिइंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज यानी शरीर की सूजन को दूर करनेवाले तत्व होते हैं। इसलिए यह कुछ भी भोजन करने में होने वाली दिक्कतों को दूर करने में सहायता करता है।

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