संवाददाता

प्रखर प्रहरी

जयपुरः तीन दिनों तक मान-मनौव्वल के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट के खिलाफ सख्त रूख अपना लिया है। पार्टी ने उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। हालांकि, अभी उन्हें पार्टी से नहीं निकाला है। सचिन के विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से हटा दिया गया है।  पायलट की जगह गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंपी गई है। वहीं गणेश गोगरा विधायक को प्रांत युवा कांग्रेस का और हेम सिंह शेखावत को प्रदेश सेवा दल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक के बाद कहा कि पहली बार देश खतरे में आ रहा है। केंद्र में जो सरकारआई है वह धनबल से राज्य की दूसरी सरकारों को तोड़-मरोड़ रही है।  पायलट, बीजेपी के हाथों में खेल रहे हैं। जो मध्यप्रदेश में मैनेज कर रहे थे, वही यहां लगे हैं।

उधर, पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने जो राजनीतिक ताकत सचिन पायलट को कम उम्र में दी गई, वो शायद किसी को नहीं मिली। 30से 32 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। 34 साल की उम्र में राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी। 40 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बनाया। इतने कम समय में किसी को प्रोत्साहित करने का यही मतलब है कि सोनिया और राहुल का आशीर्वाद उनके साथ है। पिछले चार दिन से भी पार्टी कहती रही कि कोई सुबह का भूला शाम को लौट आए तो बात सुनी जाएगी। लेकिन खेद है कि पायलट और उनके कुछ साथी आठ करोड़ राजस्थानियों द्वारा चुनी गई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं।’

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