संवाददाता
प्रखर प्रहरी
रीवाः पीएम नरेन्द्र मोदी 10 जुलाई को एमपी के रीवा जिले में स्थित रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित की। इस मौके पर मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा श्योर, प्योर तथा सेक्योर है। इस परियोजना के शुरू होने के बाद एमपी साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा। हमारे किसानों, मध्यम और गरीब परिवारों और आदिवासियों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में सूर्य का विशेष महत्व रहा है। पीएम मोदी ने इस दौरान एक संस्कृत के श्लोक के माध्यम से समझाया कि जो उपासना के योग्य सूर्य हैं, वे हमें पवित्र करें। सूर्य देव की इस ऊर्जा को आज पूरा देश महसूस कर रहा है और रीवा में ऐसा ही अहसास हो रहा है।
यह परियोजना विश्व की बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक है। साढ़े सात सौ मेगावाट की क्षमता वाली इस परियोजना से उत्पादित 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना को दी जाएगी, जबकि बाकी 76 प्रतिशत बिजली का उपयोग मध्यप्रदेश में होगा।
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से इस परियोजना का लोकार्पण किया। इस मौके पर एमपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ से और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से शामिल हुए। साथ ही केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा आरके सिंह के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और थावरचंद गेहलोत भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम चौहान ने 22 दिसम्बर 2017 को इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इस परियोजना को लगभग ढाई साल के रिकार्ड समय में पूरा किया गया।
पर्यावरण की दृष्टि से यह परियोजना काफी महत्वपूर्ण है। इस परियोजना से प्रतिवर्ष 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उर्त्सजन को रोका जा सकता है, दो करोड़ 60 लाख पेड़ों को लगाने के बराबर है। रीवा जिले के गुढ़ में स्थापित यह 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित है। यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साइड सौर संयंत्रों में से एक है। इस सौर ऊर्जा प्लांट में कुल तीन इकाइयां शामिल हैं। प्रत्येक इकाई में 250 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है।