दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः प्राण घातक कोरोना वायरस के भारत में सामुदायिक संक्रमण का अभी तक कोई संकेत नहीं है। यह कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश के जिन क्षेत्रों में भी इस संक्रमण के अधिकतर मामले, उन क्षेत्रों की लोगों ने इसको लेकर लापरवाहियां बरती हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में ओएसडी राजेश भूषण ने नौ जुलाई को संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 को लेकर जिस भी क्षेत्र में लोगों ने थोड़ी से लापरवाही बरती, उसी क्षेत्र में इस जानलेवा विषाणु के ज्यादा मामले देखे हैं। वहीं पर अधिकतर मामले बाद में देखे गए हैं। उन्होंने बताया कि देश के 733 जिलों में से सिर्फ 49 जिलों में इस संक्रण के 80 प्रतिशत मामले देखे गए हैं। उन्होंने कहा कि वैश्वक स्तर पर इस संक्रमण की प्रवृतियां स्थानीय स्तर का संक्रमण और बड़े पैमाने पर सामुदायिक संक्रमण के तौर पर देखने को मिली है, लेकिन भारत में आज तक सामुदायिक संक्रमण के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।
वैक्सीन अथवा कोई कारगर दवा नहीं होने की स्थिति में अगले वर्ष तक देश में रोजाना दो लाख से अधिक मामले सामने आने के एक अमेरिकी संस्थान के दावे के बारे में उन्होंने कहा कि इस तरह के दावे सिर्फ गणितीय आधार पर किए जाते हैं। इनमें कईं पैरामीटर होते हैं। इसलिए इस बारे में कुछ कहना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने का सबसे कारगर हथियार सामाजिक दूरी और मास्क का इस्तेमाल करना ही है। साथ ही लोगों की व्यक्तिगत साफ सफाई भी अहम भूमिका निभाती है।
आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण की जांच करने वाली लैबों की सूची में 13 लैब और जुड़ गये हैं। इसके साथ ही सरकारी लैब की संख्या 805 तथा निजी लैब की 324 है। इस समय वास्तविक समय आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण लैब 603 (सरकारी: 373 , निजी: 230) है जबकि ट्रूनेट आधारित परीक्षण लैब की संख्या 435 (सरकारी: 400, निजी: 35) है। वहीं सीबीएनएएटी आधारित परीक्षण लैब 94 (सरकारी: 33, निजी: 61) हैं। देश में अब तक कुल 1,07,40,832 सैंपलों की जांच की जा चुकी है।