दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः सरकार ने अपने शीर्षस्थ विधि अधिकारी अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से 29 जून यानी सोमवार देर रात जारी एक अधिसूचना जारी की गई। इस अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अटॉर्नी जनरल के तौर पर वेणुगोपाल की पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दे दी। उनकी यह पुनर्नियुक्ति एक जुलाई से प्रभावी होगी।

आपको बता दें कि 89 वर्षीय वेणुगोपाल का अटॉर्नी जनरल का तीन साल का कार्यकाल 30 जून यानी आज समाप्त हो रहा था। इसी के मद्देनजर सरकार ने एक साल के सेवा विस्तार के लिए उनसे सहमति मांगी थी, जिसकी उन्होंने हामी भर दी थी। वेणुगोपाल संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ रहे हैं और अटॉर्नी जनरल के रूप में उन्होंने आधार, राफेल आदि जैसे महत्वपूर्ण मामलों में केंद्र का सफलतापूर्वक बचाव किया है।

उधर, सरकार ने एक और विधि अधिकारी यानी देश के दूसरे सर्वोच्च विधि अधिकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कार्यकाल तीन साल कर बढ़ा दिया है। इस संबंध में कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से 29 जून यानी सोमवार देर रात जारी एक विज्ञप्ति जारी की गई। इस विज्ञप्ति के अनुसार नियुक्ति मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मेहता का कार्यकाल तीन वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया है। उनका कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा था।

सरकार ने विक्रमजीत बनर्जी, अमन लेखी, केएम नटराज, संजय जैन और माधवी गोदरिया दीवान को भी सुप्रीम कोर्ट हेतु तीन साल के लिए एएसजी यानी अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पुनर्नियुक्त किया है। ये सभी नियुक्तियां एक जुलाई से प्रभावी होंगी। इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस सूरी, बलवीर सिंह, सूर्यप्रकाश वी राजू, एन वेंकटरमन, जयंत सूद और ऐश्वर्या भाटी को सुप्रीम कोर्ट के लिए नया एएसजी नियुक्ति किया गया है। इनका कार्यकाल भी तीन साल का होगा। वहीं अनिल सी सिंह को बॉम्बे हाई कोर्ट और सत्यपाल जैन को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के लिए एएसजी नियुक्त किया गया है। दिल्ली, कलकत्ता, मद्रास, पटना और गुजरात हाई कोर्ट में एक-एक एएसजी नियुक्त किया है। चेतन शर्मा दिल्ली हाई कोर्ट के लिए एएसजी होंगे।

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