दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः 21 जून को वर्ष 2020 का पहला सूर्य ग्रहण दोपहर दो बजकर 10 मिनट पर समाप्त हो गया, जिसे भारत सहित दुनिया के कईं देशों में देखा गया। भारत के उत्तरी हिस्सों में सुबह  लगभग 10:25 बजे से वलयाकार सूर्य ग्रहण की खगोलीय घटना शुरू हुई।

इस दौरान आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह नजर आया। इस ग्रहण का मध्य भाग 12:10 के आसपास था। इसमें सूर्य एक वलय/फायर रिंग/चूड़ामणि के रूप में नजर आया।
सूर्य ग्रहण अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में भी देखा गया। इससे पहले वलयाकार ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को दक्षिण भारत में और आंशिक ग्रहण के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों से देखा गया था। अगला वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में अगले दशक यानी 21 मई 2031 को होगा. वहीं 20 मार्च 2034 को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एआरआईईएस या एरीज) ने इस सूर्य ग्रहण की सोशल मीडिया पर लाइव टेलिकास्ट की व्यवस्था की थी। यह  वलयाकार ग्रहण  अनूपगढ़, सूरतगढ़, सिरसा, जाखल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, देहरादून, तपोवन और जोशीमठ क्षेत्र में दिखाई दिया। शेष भारत में लोगों ने आंशिक ग्रहण ही देखा । भारत की पश्चिमी सीमा पर घेरसाना सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर वलयाकार ग्रहण के चरण का पहला साक्षी बना और यहां यह 30 सेकंड तक रहा । दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर उत्तराखंड में कालंका चोटी वलयाकार ग्रहण देखने वाला अंतिम प्रमुख स्थल रहा और  यहां यह 28 सेकंड तक दिखाई दिया। इस दौरान चंद्रमा ने  सूर्य के लगभग 99.5 प्रतिशत क्षेत्र को ढक दिया।

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