दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः आज साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह अद्भुत संयोग है कि यह सूर्य ग्रहण ग्रीष्म संक्रांति पर लग रहा है। आज का दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन भी है। अनूपगढ़, सूरतगढ़, सिरसा, जाखल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, देहरादून, तपोवन और जोशीमठ क्षेत्र के लोग इस वलयाकार ग्रहण को देख पाएंगे, शेष भारत में लोग आंशिक ग्रहण देख सकते हैं। इसके बाद अगला सूर्य ग्रहण लगभग 28 महीने बाद लगेगा। भारत में दिखाई देने वाला अगला आंशिक सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, 2022 को होगा, जो भारत के पश्चिमी भाग में दिखाई देगा।

वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि ग्रहण पृथ्वी के सूक्ष्मजीवों को प्रभावित नहीं करते हैं। इसी तरह से, ग्रहण के दौरान बाहर निकलने या खाने में कोई खतरा नहीं है। ग्रहण के दौरान सूर्य से किसी भी तरह की रहस्यमयी किरणें नहीं निकलती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि धूप के चश्में, काले चश्में, एक्स-रे शीट या शीशे के ऊपर लैंप की काली स्याही का उपयोग न करें। ये सुरक्षित नहीं हैं। पानी की सतह पर भी सूर्य की छवि को न देखें।

सूर्य को खुली आंखों से सीधे देखने के लिए वेल्डर ग्लास #13 या #14 का उपयोग किया जा सकता है। भुज भारत का पहला शहर होगा जहां ग्रहण की शुरुआत सुबह 9:58 बजे होगी। ग्रहण 4 घंटे बाद असम के डिब्रूगढ़ में दोपहर 2:29 बजे समाप्त होगा। भारत की पश्चिमी सीमा पर घेरसाना सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर वलयाकार ग्रहण के चरण का पहला साक्षी बनेगा और यह 30 सेकंड तक रहेगा। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर उत्तराखंड में कालंका की चोटी वलयाकार ग्रहण देखने वाला अंतिम प्रमुख स्थल होगा और यहां यह 28 सेकंड के लिए रहेगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य के लगभग 99.5 प्रतिशत क्षेत्र को ढक देगा।

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