दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में एलएसी यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं। सेना ने मंगलवार को देर रात बयान जारी कर इसकी पुष्टि की। सेना ने कहा कि इस झड़प में 20 भारतीय  सैनिक शहीद हुए हैं।

इससे पहले दिन में सेना ने बयान जारी कर कहा था कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में एक अधिकारी और दो जवान शहीद हुए हैं। फिर सेना ने देर रात बयान जारी कर कहा कि दोनों सेनाओं के बीच सोमवार रात हुई हिंसक  झड़प में भारत के 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गये थे। घायल सैनिकों ने ऊंचाई वाले और दुर्गम क्षेत्र में शून्य से कम तापमान में रहने के कारण बाद में दम तोड़ दिया। इस तरह के इस खूनी संघर्ष में शहीद होने वाले की संख्या 20 हो गई है। शहीद हुए भारीतय सैनिकों में 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू शामिल हैं। जिन दो अन्य नामों की पुष्टि हुई है उनमें हवलदार के. पालानी और सिपाही कुंदन झा।  सेना ने कहा है कि वह देश की सीमाओं की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सेना ने कहा कि झड़प में गोली नहीं हुई। साथ ही सेना ने कहा कि इस हिंसक झड़प में चीन के सैनिक भी हताहत हुए हैं लेकिन सेना ने संख्या नहीं बताई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री के साथ इस झड़प के बारे में विस्तार से बात की है और उन्हें सारी घटना की जानकारी दी है।

सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिकों ने पूरी तैयारी और सुनियोजित तरीके से भारतीय सैनिकों पर हमला किया। उस समय मौके पर मौजूद चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों से कहीं अधिक थी। चीनी सैनिकों ने लाठियों में लोहे की बड़ी कील लगाकर और लोहे की रॉड तथा पत्थरों से हमला किया। भारतीय सैनिकों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। सूत्रों के मुताबिक झड़प में चीन के कम से कम 43 जवान हताहत हुए हैं, लेकिन चीन ने इस बात को कबूल नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि 15 से 20 भारतीय सैनिक अभी भी लापता हैं। इनमें से कुछ चीन के कब्जे में हैं। कुछ सैनिक नदी में गिर गए हैं, जिनके शव मिल रहे हैं। एलएसी पर चीन के हेलिकॉप्टरों का मूवमेंट बढ़ गया है। वह अपनी सेना के हताहतों को एयरलिफ्ट कर रहा है। सूत्रों के अनुसार शहीद हुए  20 भारतीय सैनिकों में तीन सैनिक गोलियां लगने से शहीद हुए हैं। वहीं 135 भारतीय जवान घायल हैं।

चीन ने 45 साल बाद दिया धोखाः–  

चीन ने 45 साल बाद एक बार फिर भारत को धोखा दिया है। इससे पहले 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में  असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर घात लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के चार जवान शहीद हुए थे।

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