21 जून यानी रविवार यह दिन है फादर्स डे का। इससे ठीक एक सप्ताह पहले रविवार को ही बॉलिवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अपने पिता को ऐसा सदमा दे गए, जिसे वह मरते दम तक नहीं भूल पाएंगे। हम या आप सिर्फ कल्पना कर सकेत हैं कि सुशांत ने जब मौत को गले लगाया होगा, तो वह अंदर से रो रहे होंगे। सुशांत को अंतिम समय में रोते हुए तो किसी ने नहीं देखा, लेकिन उनको आखिरी विदाई देते पूरा बॉलीवुड रो पड़ा। मेघराज भी सुशांत के असमय चले जाने का कारण रो पड़े। सुशांत की अंतिम यात्रा के समय में मुंबई तेज बारिश हुई। वहीं, पिता केके सिंह भी अपने जिगर के टुकड़े के गम खुद को भी रोक नहीं पाए और फफक पड़े।

हर परिजन चाहते हैं कि उनके बच्चे खूब तरक्की करें और उनका नाम रोशन करें। ऐसी चाहत सुशांत सिंह राजपूत के पिता की भी रही होगी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। सुशांत ने अपने पिता का नाम तो जरूर रोशन किया लेकिन उनके एक कदम ने केके सिंह की जिंदगी को गमों भर दिया, जिसे वह शायद ही इस जिंदगी दूर कर पाएंगे।

सुशांत सिंह राजपूत फिल्म इंडस्ट्री के उन कलाकारों में से थे, जिनका कोई गॉडफादर नहीं था। इसके बावजूद उन्होंने टीवी के छोटे पर्दे से फिल्मी दुनिया के रुपहले पर्दे तक की यात्रा की। उन्होंने अपने छोटे करियर में ही राजपूत लोगों का ध्यान खींचा। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि फिल्म ‘छिछोरे’ में आत्यहत्या को अंतिम विकल्प न बताने वासे सुशांत सिंह राजपूत ने खुद ही यह कदम क्यों उठा लिया।

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