सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के कारण अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन में उनके घर भेजने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि उनके खिलाफ लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर दर्ज किए गए सभी केस वापस लिये जायें। जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह की बेंच ने आज इस मामले सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि उनके कौशल (स्किल) की पहचान के लिए मैपिंग करें। वे कुशल हैं या अकुशल इसके आधार पर उनके रोजगार की योजनाएं बनाएं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि राज्य मांग करें तो 24 घंटे के अंदर प्रवासियों को उनके घर भेजने के लिए अतिरिक्त ट्रेन उपलब्ध कराएं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को प्रवासी मजदूरों के पलायन पर अंतरिम आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ट्रेनों और बसों से सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों से किसी तरह का किराया न लिया जाए। यह खर्च राज्य सरकारें ही उठाएं। साथ ही फंसे हुए मजदूरों को खाने-पीने की व्यवस्था भी राज्य सरकारें ही करें। 

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