दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सरकार ने आईबीसी यानी दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन से संबंधित कानून प्रभावी हो गया है। विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से पांच जून को इस बात की जानकारी दी गई।
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से भेजे गये प्रस्ताव पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के साथ ही यह अध्योदश लागू हो गया। इस अध्यादेश के प्रभावी होने से कोरोना वायरस के कारण बैंक कर्ज के भुगतान में असफल रहने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ आईबीसी कानून के तहत कोई नई कार्रवाई शुरू नहीं की जायेगी।
सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से आईबीसी की धारा सात, नौ और 10 में संशोधन किया है। इसके कोरोना को लेकर 25 मार्च से शुरू हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण वित्तीय दबाव में फंसी कंपनियों को राहत दिये जाने के प्रावधान किये गये हैं। अध्यादेश में कहा गया है कि 25 मार्च के बाद ऋण चुकता न करने वाली कंपनियों के खिलाफ दिवाला एवं ऋण शेाधन अक्षमता संहिता 2016 के तहत कम से कम छह माह तक दिवाला प्रक्रिया शुरू नहीं की जायेगी। यह अवधि अधिकतम एक साल हो सकती है।
आपको बता दें कि गत तीन जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अध्यादेश प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। श्री कोविंद ने आज उस पर अपनी मोहर लगा दी।
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