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भारतीय ही करेंगे ड्रोन का आयात,विनिर्माण,व्यापार-परिचालन,सरकार ने जारी किया प्रारूप
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भारतीय ही करेंगे ड्रोन का आयात, विनिर्माण,व्यापार-परिचालन,सरकार ने जारी किया प्रारूप

जनरल डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः ड्रोन के आयात, विनिर्माण, व्यापार और परिचालन का अधिकार सिर्फ भारतीय नागरिकों, स्थानीय निकायों, राज्य एवं केंद्र सरकारों या भारतीय नागरिकों द्वारा नियंत्रित कंपनियों को ही होगा। इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक प्रारूप जारी किया है.

मंत्रालय द्वारा जारी प्रारूप नियम में कहा गया है कि देश में मानवरहित विमान प्रणाली यानी ड्रोन के आयात, विनिर्माण, व्यापार, ड्रोन रखने और उसके परिचालन के लिए नागर विमानन महानिदेशालय की पूर्वानुमति जरूरी होगी। इसके लिए वही व्यक्ति पात्र होगा जो भारतीय नागरिक हो और जिसकी उम्र 18 साल से अधिक हो। कंपनियों या कॉर्पोरेट इकाइयों के मामले में उनका देश में पंजीकृत होना अनिवार्य होगा। साथ ही उनका मुख्य कारोबार भी देश में ही होना चाहिये। इसके निदेशक मंडल में कम से कम दो-तिहाई सदस्यों और अध्यक्ष का भारतीय नागरिक होना भी अनिवार्य किया गया है। कंपनी का अधिकतर मालिकाना हक और नियंत्रण भी भारतीयों के हाथ में होना चाहिये।  केंद्र या राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, कानून इकाइयाँ जैसे पुलिस बल आदि को भी ड्रोन रखने, परिचालन, आयात, विनिर्माण, खरीद-बिक्री का अधिकारी दिया गया है।

प्रारूप नियम के अनुसार, 250 ग्राम तक वजन वाले ड्रोन ‘नैनो’ की श्रेणी में आयेंगे जबकि 250 ग्राम से भारी और दो किलोग्राम तक वजन वाले ड्रोन ‘सूक्ष्म’ की श्रेणी में होंगे। यदि 250 ग्राम तक वजन वाले ड्रोन की अधिकतम गति 15 मीटर प्रति सेकेंड या अधिकतम ऊँचाई सीमा 15 मीटर से अधिक और ऑपरेशन का दायरा 100 मीटर से अधिक हुआ तो उन्हें सूक्ष्म की श्रेणी में रखा जायेगा।  दो किलोग्राम से अधिक और 25 किलोग्राम तक वजन वाले ड्रोन ‘लघु’, 25 किलोग्राम से अधिक और 150 किलोग्राम तक वजन वाले ड्रोन ‘मध्यम’ तथा 150 किलोग्राम से भारी ड्रोन ‘बड़े’ की श्रेणी में रखे जायेंगे। ड्रोन आयातकों, विनिर्माताओं, व्यापारियों तथा ऑपरेटरों को डीजीसीए से ऑथराइजेशन नंबर लेना होगा। यह अधिकतम पांच साल के लिए जारी किये जायेंदे। हालांकि इसकी अवधि समाप्त होने पर पांच साल के लिए बढ़ाये जाने का विकल्प होगा। बिना पूर्वानुमति के ड्रोन या उसके कलपुर्जों का आयात या विनिर्माण नहीं किया जा सकेगा। विनिर्माता या आयातक सिर्फ प्राधिकृत व्यापारियों या ऑपरेटरों को ही ड्रोन बेच सकेंगे या लीज पर दे सकेंगे।

Shobha Ojha

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