प्रखर प्रहरी डेस्क
दिल्लीः केन्द्र सरकार ने रेहड़ी पटरी वाले खुदरा विक्रेताओं की मदद के लिए सूक्ष्म वित्त पोषण की योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत फल सब्जी, चाय पकौड़े, पान गुटखा आदि बेचने वाले 50 लाख से अधिक लोगों को आसान शर्तों पर दस हजार रुपये तक का ऋण देने का प्रावधान किया गया है।
पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक जून को यहां हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बताया कि हमारे मेहनती रेहड़ी पटरी वाले विक्रेताओं की मदद के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने उनको सस्ते ब्याज पर ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष सूक्ष्म वित्तपोषण की सुविधा योजना – पीएम स्व-निधि यानी प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि शुरू की है। यह योजना उन्हें फिर से काम शुरू करने और अपनी आजीविका कमाने में सक्षम बनाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगी। विभिन्न क्षेत्रों संदर्भों में वेंडर, हॉकर, ठेले वाले, रेहड़ी वाले, ठेली फलवाले आदि सहित 50 लाख से अधिक लोगों को इस योजना से लाभ मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां, फल, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, वस्त्र, परिधान, जूते, कारीगर उत्पाद, किताबें/स्टेशनरी आदि शामिल हैं। सेवाओं में नाई की दुकानें, मोची, पान की दूकानें तथा कपड़े धोने की दूकानें शामिल हैं। जावड़ेकर ने कहा कि यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के आस-पास सड़क पर माल बेचने वाले विक्रेता शहरी आजीविका कार्यक्रम के लाभार्थी बन गए हैं। वेंडर 10 हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैंस जिसे वे एक वर्ष में मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। ऋण की समय पर/जल्दी चुकौती करने पर सात प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से छह मासिक आधार पर जमा की जाएगी। ऋण के समय से पहले चुकाने पर कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा।