प्रखर प्रहरी डेस्क
दिल्लीः आज महेश नवमी है। ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान भोले नाथ की विशेष पूजा की जाती है। ऐसे मान्यता है कि इस दिन ही माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए माहेश्वरी समाज द्वारा यह पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
कैसे करें पूजा…
- सुबह जल्दी उठकर नहाएं और व्रत का संकल्प लें।
- उत्तर दिशा की ओर मुंहकर के भगवान शिव की पूजा करें।
- गंध, फूल एवं बिल्वपत्र से भगवान शिव-पार्वती की पूजा करें।
- दूध और गंगाजल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा, फूल और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं।
इस प्रकार भगवान शिव का पूजन करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
इसलिए लोग मनाते हैं महेश नवमी
महेश नवमी विशेष तौर पर माहेश्वरी समाज द्वारा मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय वंश के थे। किसी कारण से उन्हें ऋषियों ने श्राप दे दिया था। तब लोग भगवान भोले नाथ के शरण में गये और भगवान शंकर ने इसी दिन उन्हें श्राप से मुक्त कर अपना नाम दिया था। ऐसी भी मान्यता है कि कि भगवान शंकर की आज्ञा से ही इस समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य या व्यापारिक कार्य को अपनाया।