प्रखर प्रहरी डेस्क
दिल्लीः पीएम मोदी ने मन की बात में रेलवे के कर्मचारियों कोरोना बॉरियर्स बताया और कहा कि रेलवे के साथ दिन-रात इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में लगे हुए हैं।उन्होंने कहा कि जो दृश्य आज हम देख रहे हैं, इससे देश को अतीत में जो कुछ हुआ, उसके अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने का अवसर भी मिला है। आज हम हमारे श्रमिकों की पीड़ा में, देश के पूर्वी हिस्से की पीड़ा को देख सकते हैं। जिस पूर्वी हिस्से में देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है, जिसके श्रमिकों के बाहुबल में, देश को, नई ऊंचाई पर ले जाने का सामर्थ्य है, उस पूर्वी हिस्से का विकास बहुत आवश्यक है।
मोदी ने कहा कि केंद्र हो, राज्य हो, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं हो – हर कोई, दिन-रात मेहनत कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं। लाखों श्रमिकों को, ट्रेनों से, और बसों से, सुरक्षित ले जाना, उनके खाने-पाने की चिंता करना, हर जिले में क्वारटीइन केन्द्रों की व्यवस्था करना, सभी की टेस्टिंग, चेक-अप, उपचार की व्यवस्था करना, ये सब काम लगातार बहुत बड़े पैमाने पर चल रहे हैं।
पीएम ने कहा कि पूर्वी भारत के विकास से ही, देश का संतुलित आर्थिक विकास संभव है। देश ने, जब, मुझे सेवा का अवसर दिया, तभी से, हमने पूर्वी भारत के विकास को प्राथमिकता दी है। मुझे संतोष है कि बीते वर्षों में, इस दिशा में, बहुत कुछ हुआ है, और, अब प्रवासी मजदूरों को देखते हुए बहुत कुछ नए कदम उठाना भी आवश्यक हो गया है, और, हम लगातार उस दिशा में आगे बढ़ रहें हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत में कहीं श्रमिकों के कौशल मैपिंग का काम हो रहा है। कहीं स्टार्ट अप्स इस काम में जुटे हैं। कहीं श्रमिक उत्प्रवासन आयोग बनाने की बात हो रही है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं, उससे भी गाँवों में रोजगार, स्वरोजगार, लघु उद्योगों से जुड़ी विशाल संभावनाएँ खुली हैं। ये फैसले, इन स्थितियों के समाधान के लिए हैं, आत्मनिर्भर भारत के लिए हैं।