प्रखर प्रहरी डेस्क

लद्दाखः भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनाव बरकरार है। हालांकि चीन के रूख में थोड़ी सी नरमी आई है। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है। इसी बीच सेना के शीर्ष कमांडरों का तीन दिवसीय सम्मेलन 27 मई को यहां शुरू हुआ। इस सम्मेलन में इस मुद्दे से संबंधित तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा होगी। आगे की रणनीति पर भी गहन मंथन होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अलग अलग बैठकों में चीन से लगती सीमा पर स्थिति की समीक्षा की। इन बैठकों के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अपने रूख पर दृढ है। वह दौलत बेग ओल्डी के अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण के कार्य को जारी रखेगा। चीनी सेना द्वारा इस क्षेत्र में सैनिकों का जमावड़ा बढाये जाने के बाद भारत ने भी संबंधित क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या और अन्य साजो सामान भेजने जैसे कदम उठाये हैं। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे का समाधान बातचीत और राजनयिक स्तर पर ही होगा, लेकिन चीनी गतिविधियों को देखते हुए भारत को अपनी तैयारी को भी पुख्ता करना होगा।
इस बीच चीनी राजदूत ने इस मुद्दे पर नरमी दिखाई और कहा कि दोनों देशों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके संबंधों और परस्पर सहयोग पर मतभेदों की छाया नहीं पड़नी चाहिए। उन्होंने कहा है कि दोनों देशों को अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। एक- दूसरे की विकास संबंधी गतिविधियों को सही नजरिये से देखना चाहिए। इस बीच चीन से आ रही रिपोर्टों में भी सीमा पर स्थिति को ‘कुल मिलाकर स्थिर’ बताया गया है। चीनी विदश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को बनाये रखने की प्रतिबद्धता के साथ- साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता का भी पक्षधर है। उन्होंने कहा कि चीन और भारत की सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर स्थिर तथा नियंत्रण में है। भारत पहले ही कह चुका है कि उसकी ओर से ऐसी कोई गतिविधि नहीं की गई है जिससे सीमा पर तनाव पैदा हो।
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चिरपरिचित अंदाज में दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रंप ने टि्वट कर कहा है कि हमने भारत और चीन दोनों को बता दिया है कि अमेरिका उनके बीच बढते सीमा विवाद में मध्यस्थता करने को तैयार है। धन्यवाद।
 आपको बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच पेगांग झील क्षेत्र में गत पांच और छह मई को झड़पें हुई थीं। इसके बाद दोनों के सैन्य अधिकारियों की करीब पांच बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है।
 

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