आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रयोग को खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा है कि भारत जैसे देश के लिए ‘ हर्ड इम्युनिटी’ का प्रयोग का विनाशकारी कदम साबित होगा।उन्होंने कहा कि कईं विकसित देश इसका परिणाम भुगत चुके हैं।
डॉ भागर्व ने बताया कि हमारे देश की आबादी बहुत अधिक है। जनसंख्या घनत्व भी अधिक है। कुछ एजेंसियों ने यहां “हर्ड इम्युनिटी’ विकसित करने के सुझाव दिए हैं। यह विनाशकारी कदम साबित हो सकता हैं क्योंकि इससे लाखों लोगों की मौत हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रयोग के लिए देश की कम से कम 60 प्रतिशत आबादी में इस विषाणु के संक्रमण को फैलने की अनुमति दी जाती है। लोगों को किसी तरह की सावधानी नहीं बरतने को कहा जाता है। उन्हें पहले की तरह रहने को कहा जाता है। इसका मूल आधार है कि लोग अधिक मिलेंगे तो उनमें विषाणु का प्रसार तेजी से होगा और जब वे संक्रमित होंगे तो शरीर इस विषाणु के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता हासिल कर लेगा। उनमें प्रतिरक्षी अर्थात एंटीबॉडी बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रयोग देश के लोगों के साथ किसी भी कीमत पर नहीं किया जा सकता है। हम उन्हें जानबूझकर विषाणु की चपेट में आने का मौका देंगे और फिर यह देखेंगे कि उनके शरीर में एंटीबॉडी बने हैं या नहीं। उन्होंने बताया कि विश्व के कईं देशों ने इस तरह के प्रयोग को आजमाया। वहां के लोगों ने किसी तरह की कोई सावधानी नहीं बरती। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। इसके नतीजे सबके सामने हैं। इन्हीं विकसित देशों में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है।