दिल्ली डेस्क
दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने 25 मई को एयर इंडिया को फौरी राहत दे दी। कोर्ट ने केंद्र सरकार और एयर इंडिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह 10 दिनों तक गैर-अधिसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बीच की सीटों पर भी यात्रियों को बिठाकर ला सकती है, लेकिन इसके बाद उसे हाई कोर्ट के आदेश को मानना होगा।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने ईद-उल-फितर की छुट्टी के दिन अर्जेंट सुनवाई करते हुए एयर इंडिया को राहत प्रदान की। हालांकि इस दौरान कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि 10 दिनों के बाद एयर इंडिया को बॉम्बे उच्च न्यायालय के उस आदेश का पालन करना होगा, जिसके तहत उसने यात्रा के दौरान बीच की एक सीट खाली छोड़ने का आदेश दिया है।
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की टोका-टोकी के बीच कोर्ट ने अपना आदेश लिखवाया। इस दौरान कोर्ट ने मेहता को कड़ी फटकार भी लगाई। चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि कोर्ट यात्रियों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है। उन्होंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार को) लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित होना चाहिए,लेकिन आप व्यावसायिक विमानों के ‘स्वास्थ्य’ के प्रति चिंतित दिख रहे हैं।
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