Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
इन कारणों से भारत में लोग होते हैं स्लीपिंग डिसऑर्डर के शिकार
Subscribe for notification

इन कारणों से भारत में लोग होते हैं स्लीपिंग डिसऑर्डर के शिकार

‘मुझे रात को नींद नहीं आई’ या ‘मैं रातभर सो नहीं सका’ या फिर ‘पता नहीं क्यों रात नींद ही नहीं आ रही थी। ये वे शब्द हैं, जिन्हें हम घर में या दोस्तों के बीच अक्सर सुनते रहते हैं, लेकिन क्या कब इस बात पर गौर किया है कि जिस किसी दोस्त या सहकर्मी ने यह बात कई बार कही, उसका लाइफस्टाइल कैसा है?

थकान और उदासः-

  • जो लोगों को रात में अच्छी नींद नहीं ले पाते है, उनका अगला दिन उदासी और थकान से भरा रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिमाग और शरीर रात में ठीक से सो नहीं पाने के कारण बॉडी और ब्रेन में हॉर्मोन्स का स्तर गड़बड़ाया रहता है।

भारत में स्लीपिंग डिसऑर्डर के मरीजः-

  • मनोवैज्ञानिकों के भारत में करीब हर सात में से एक व्यक्ति नींद नहीं आने या ठीक से सो नहीं पानी की समस्या से ग्रसित है। इसकी मुख्य वजह कोई एक नहीं बल्कि सामाजिक, मानसिक और शारीरिक तीन तरह के हो सकती हैं। यह अलग-अलग व्यक्ति की परिस्थिति पर निर्भर करता है कि उसे किस कारण नींद आने की समस्या ने जकड़ लिया है।

सामाजिक, मानसिक और शारीरिक वजहः-

  • हमारा रहन-सहन तेजी से बदल रहा है। हम लगातार प्रकृति और प्राकृति लाइफ से दूर होते जा रहे हैं। इस कारण हर समय हम पर एक अनजाना-सा मानसिक दबाव बना रहता है। यह दबाव तनाव का रूप लेता है और हर समय हमारे साथ रहने लगता है। इसकी वजह से ब्रेन में हॉर्मोन्स का स्तर बिगाड़ जाता है और हम स्लीपिंग डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं।
  • कुछ लोग अनुवांशिक रूप से चिंतालु प्रकृति के होते हैं। वहीं कुछ लोगों में हॉर्मोनल डिसबैलंस के चलते इस तरह की समस्या घर कर जाती है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी कारणइ से हार्मोनल डिसबैलंस का शिकार है, तो उसे काउंसलिंग और मेडिसिन का सहारा लेना चाहिए। यदि समय पर काउंसलिंग और मेडिसिन ना ली जाएं तो यह समस्या गंभीर मानसिक बीमारी का रूप भी ले सकती है।
  • मुख्य रूप से दो शारीरिक कारण नींद नहीं आ पाने की स्थिति बनाते हैं। एक यदि व्यक्ति बहुत अधिक थक जाता है। दूसरे फिजिकल ऐक्टिविटी नहीं होना। इन दोनों ही कारणों से रात को नींद की प्रक्रिया बाधित होती है।

नींद नहीं आने में खर्राटो की भूमिकाः-

  • वैसे तो हमारे समाज में कई तरह की भ्रांतियां हैं, लेकिन उनमें से एक भ्रांति यह है कि कोई भी व्यक्ति खर्राटे तब लेता है, जब वह गहरी नींद में होता है। यह सोच सही नहीं है। हमारे शरीर और खासतौर पर श्वसनतंत्र में खर्राटों की स्थिति तब बनती है, जब हमारे फेफड़ों तक जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है।
  • सोते समय शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। उसकी यादाश्त भी कमजोर हो जाती है। ऐसे लोगों में यह दिक्कत लंबे समय तक बनी रहे तो पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का खतरा भी रहता है।

शहरों में होती है अधिक समस्याः-

  • चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार स्लीपिंग डिसऑर्डर की समस्या मुख्य रूप से शहरों में रहनेवाले लोगों में देखने को मिलती है। इसकी बड़ी वजह शहरों में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर भी है। यह शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड के फ्लो को कम करता है। इससे व्यक्ति हर समय थका हुआ रहता है।
  • शहरों में रहनेवालो लोग चाय और कॉफी के रूप में कैफीन का उपयोग भी अधिक करते हैं। कैफीन की यह मात्रा उनके ब्रेन में नींद से संबंधित हॉर्मोन मेलाटॉनिन के सीक्रेशन को गड़बड़ा देती है। इससे भी नींद ना आने की समस्या होती है।

इन प्रोफेशन से जुड़े लोग होते हैं स्लीलिंग डिसऑर्डर का अधिक शिकारः-

  • चिकित्सा विशेषज्ञों और मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि स्लीपिंग डिसऑर्डर का अधिक शिकार वैसे प्रोफेशन से जुड़े हुए लोगों होते हैं, जिन्हें शरीर रूप से कम और मानसिक रूप से थकान अधिक होती है, जैसे, मीडिया, कॉल सेंटर, हॉस्पिटल स्टाफ, एयरलाइंस या दूसरे प्रोफेशंस में सीटिंग जॉब करनेवाले लोग। ये उपाय हो सकते हैं।

 समस्या को इस समस्या को दूर करने में मददगारः-

  • दिन में या शाम के समय सोने से परहेज करें, दोपहर के बाद चाय-कॉफी ना पीये, सोने और जागने का समय निश्चित करें, नहाने से पहले स्लीप हाइजीन को फॉलो करें। हाथ मुंह धोकर और साफ कपड़े पहनकर सोएं।
  • यदि संभव हो तो सोने से दो घंटे पहले डिनर कर लें, कुछ समय हर दिन ध्यान और योग करें। फिजिकल ऐक्टिविटीज में खुद को व्यस्त रखें। यदि इन सबसे आराम ना मिले तो आपको बिना समय गंवाए मनोवैज्ञानिक से मिलना चाहिए। इसके जरिये समस्या को बढ़ने से पहले ही खत्म किया जा सकता है।
Shobha Ojha

Recent Posts

वेद भौतिक-आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं: भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे, प्रखर प्रहरी दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वेदों को भौतिक…

10 hours ago

भारत बना एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता, पांचवीं बार जीता खिताब जीता, फाइनल में चीन को

स्पोर्ट्स डेस्कः भारत हॉकी एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का चैंपियन बन गया है। टीम इंडियान ने मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले…

1 day ago

अगस्त में वाणिज्यक-वस्तु निर्यात में वार्षिक आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट

दिल्लीः  देश से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2024 में सालाना 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा।  पिछले साल इसी…

1 day ago

आतिशी होंगी दिल्ली की मुख्यमंत्री, सरकार बनाने का दावा पेश किया; भाजपा बोली- मेकओवर से दाग नहीं छुपेंगे

दिल्लीः दिल्ली को नई मुख्यमंत्री मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी।…

2 days ago

आरएसएस के विजयादशमी कार्यक्रम में शामिल होंगे डॉ. राधाकृष्णन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे नागपुरः विजयादशमी के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)…

2 days ago

मेरा मजाक उड़ाया गया, मैं सरदार की भूमि में पैदा हुआ बेटा, चुपचाप देशहित में नीति बनाने में लगा रहाः मोदी

अहमदाबाद: गुजरात दौरे के दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद के GMDC मैदान में आयोजित भव्य स्वागत समारोह…

3 days ago