बिजनेस डेस्क

मुंबईः रिजर्व बैंक द्वारा चालू वित्त वर्ष में आर्थिक मंदी की आशंका जताने के बाद घरेलू शेयर बाजार 22 मार्च को दबाव में आ गया। 22 मई को बीएसई के सेंसेक्स में 0.84 प्रतिशत और एनएसई के निफ्टी में 0.74 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 260.31 अंक यानी 0.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 30,672.59 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 67 अंक यानी 0.74 फीसदी लुढ़ककर 9,039.25 अंक पर बंद हुआ। तीन दिन बाद लगातार चढ़ने के बाद शेयर बाजार में 22 मई को गिरावट दर्ज की गई। गिरावट के साथ शेयर बाजार खुलने के बाद कुछ देर के लिए हरे निशान में आ गया था, लेकिन आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान से निराश निवेशकों की बिकवाली शुरू कर दी, जिसके कारण यह दुबारा लुढ़क गया और फिर पूरे दिन उबर नहीं सका। रिजर्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक विकास दर शून्य से नीचे रहने की संभावना है।
22 मई को मझौली और छोटी कंपनियों में भी बिकवाली का जोर रहा। बीएसई का मिडकैप 0.83 प्रतिशत की गिरावट में 11,270.02 अंक पर और स्मॉलकैप  0.23 फीसदी फिसलकर 10,524.23 अंक पर बंद हुआ। बैंकिंग एवं वित्तीय कंपनियों ने बाजार पर सबसे ज्यादा दबाव बनाया। हालांकि आईटी और टेक समूह की कंपनियों में हुई लिवाली ने इसे संभालने की कोशिश की। सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक के शेयर साढ़े पाँच फीसदी से अधिक टूट गये। एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक में चार से पाँच प्रतिशत तक की गिरावट रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर साढ़े चार प्रतिशत चढ़े।

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