प्रखर प्रहरी डेस्क
कोलकाताः चक्रवाती तूफान अम्फान पश्चिम बंगाल में तांडव मचा रहा है। राज्य में इसके कारण अब तक 72 लोगों की जान चली गई है। यह जानकारी राज्य की मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेे दी है।
उन्होंने 21 मई को बताया कि कि इनमें से ज्यादातर लोगों की मृत्यु पेड़ों के उखड़ने और बिजली के संपर्क में आने हुई है। मृतकों में 15 लोग कोलकाता के हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्थिति की समीक्षा करने के लिए राज्य का दौरा करने का आग्रह किया और कहा कि राज्य में अब तक 72 लोग चक्रवात ‘अम्फान’ के कारण मारे गए हैं। मैंने पीएम से सुंदरबन का दौरा करने के लिए आग्रह किया है। संकट की इस घड़ी में हम सबको साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। अमित शाह ने मुझसे आज दोपहर बाद बातचीत की और मदद करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने पीड़ितों के लिए 2.5 लाख रुपये की सहायता घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मैं चक्रवात में मरने वालों के परिवारों को 2.5 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा करती हूं।
ममता ने ‘अम्फान’ से होने वाली क्षति कोरोना वायरस से अधिक बताया और कहा कि मेरे हिसाब से यह कोविड-19 से बड़ी आपदा है। मैं अनुरोध करूंगी कि केंद्र सरकार कृपया राजनीति को भूलकर हमारे साथ सहयोग करें और लोगों की जान बचाएं। उन्होंने कहा कि अम्फान ने हमारी उम्मीदों से अधिक तबाही मचाई है। इससे बड़ी मात्रा में जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल इस संकट के समय में एकजुट है। हम सब मिलकर इसे दूर करेंगे। बंगाल के लोगों की भावना और ताकत को यह तूफान कम नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे इलाके तबाह हो गये हैं। संचार सेवाएं प्रभावित हैं। पांच लाख लोगों को बचाया गया है। राज्य के अधिकारी इस तूफान से होने वाली तबाही का पूरी तरह अनुमान लगाने में विफल रहें।
उधर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट में कहा कि राज्य ने हाल के दिनों में सबसे बुरी आपदाओं में से एक का सामना किया है। अम्फान ने मानव संकट और विनाश का एक गहरा निशान छोड़ दिया है।
एनडीआरएफ प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक टीम अम्फान से होने वाले नुकसान का जायजा लेने के लिए राज्यों का दौरा करेगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मरने और घायल होने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। एनडीआरएफ की टीमें अपना काम कर रही हैं। हम ओडिशा और पश्चिम बंगाल को लंबे समय तक यथासंभव सेवाएं देने की पूरी कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के मुख्य सचिवों के साथ अम्फान के कारण हुई क्षति का अनुमान लगाने के लिए एक बैठक की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ओडिशा में आगामी 24 से 48 घंटों में सामान्य स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़कों की सफाई की प्रक्रिया में तेजी आई है और कुछ इलाकों में यह पूरी हो गयी है। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाओं को बहाल करने में कुछ वक्त लगेगा, जिसके लिए तकनीशियनों और गैंगमैनों की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में सुरक्षित निकाले गये लगभग पांच लाख लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया है। ओडिशा में दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
अम्फान से पश्चिम बंगाल में उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा कोलकाता के अलावा पूर्वी मिदनापुर और हावड़ा जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने के अनुसार अम्फान ने बुधवार को शाम 7 बजे कोलकाता और इसके आसपास के जिलों में 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की तीव्रता के साथ प्रवेश किया था। उन्होंने कहा कि अम्फान साल 1999 के ओडिशा चक्रवाती तूफानके सबसे तीव्र और शक्तिशाली तूफान है।
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