Subscribe for notification

डरा रही है कोरोना को लेकर विशेषज्ञों की स्टडी, नजदीक जाने, बात करने से भी संक्रमण का खतरा

दिल्लीः वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर आई एक स्टडी की रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली है। यह विषाणु बेहद संक्रामक है। इससे संक्रमित मरीज के नजदीक जाने से कोई भी व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकता है। हाल ही में हुई इस स्टडी में पता चलता है कि कुछ स्थितियों में इससे संक्रमित व्यक्ति से बात करने पर भी आप कोरोना का शिकार बन सकते हैं। चाहे वह मरीज बेहद मामूली लक्षणों वाला ही क्यों न हो। स्टडी में पाया गया है कि खांसने या छींकने के अलावा बात करने से भी हजारों वायरल बूंदे निकल सकती हैं।

द प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक शोध से पता चलता है कि कम लक्षणों से ग्रस्त मरीज भी ऑफिस, नर्सिंग होम जैसी छोटी जगहों पर दूसरों तक संक्रमण पहुंचा सकता है। प्रयोगों से पता चला है कि खांसने या छींकने से हवा में सलाइवा और म्यूकस मिल जाते हैं। इससे लाखों इन्फ्लूएंजा और दूसरे वायरस कण बनते हैं। एक खांसी से करीब तीन हजार रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स बनती हैं, जबकि छींकने से लगभग 40 हजार। लेजर स्कैन से पता चला कि बातचीत के वक्त हर सेकंड में 2600 छोटी बूंदें निकलती हैं। वैज्ञानिकों ने पुरानी स्टडीज के आधार पर जब इन बूंदों की संख्या और आकार का अनुमान लगाया तो पाया कि तेज बोलने से बड़े कण बनते हैं और इनकी संख्या भी ज्यादा होती है। हालांकि साइंटिस्ट ने मरीजों के बोलने पर निकलने वाली बूंदों को रिकॉर्ड नहीं किया है। एक औसत मरीज के मुंह से निकले तरल में कोरोना वायरस जेनेटिक मटेरियल की गणना करने वाली स्टडी से मिली जानकारी के आधार पर शोधकर्ताओं ने बाताया कि एक मिनट तक तेज बोलने पर करीब एक हजार वायरस युक्त बूंदें बन सकती हैं। 

सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा है कि सांसों की बूंदों से बचने के लिए कम से कम 6 फीट की दूरी रखें। कई वैज्ञानिकों ने तर्क दिए हैं कि यह कण 6 फीट से ज्यादा का सफर भी तय कर सकते हैं। मुंह से निकलने की ताकत, आसपास के तापमान और दूसरी स्थितियों पर यह निर्भर करती हैं। एक अन्य स्टडी में शोधकर्ताओं ने बताया कि, कुछ निश्चित आवाजें ज्यादा कण बना सकती हैं। इनमें ‘थ’ जैसे शब्द शामिल हैं।  शोधकर्ता अभी यह नहीं पता कर पाये हैं कि हर बात, खांसी और छींक में ये बूंदें होती हैं या नहीं, जिनमें वायरस के कण बराबर संख्या में शामिल होते हैं। वह यह भी जान पाये हैं कि किसी को बीमार करने के लिए कितने वायरस की जरूरत होती है, लेकिन विशेषज्ञों ने लोगों को फेस टू फेस बात करने से बचने की को कहा है।

AddThis Website Tools
Shobha Ojha

Recent Posts

मोमेंट्स-रिकॉर्ड्सः रोहित टी-20 में 12 हजार रन पूरे किये, काली पट्टी बांधकर उतरे प्लेयर्स

हैदराबादः मुंबई इंडियंस (MI) ने IPL-18 के 41वें मैच में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) को 07 विकेट से हरा दिया। हैदराबाद…

2 days ago

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी की पहली रैली आज, बिहार की धरती से आतंकवादियों और उनके पनाहगार पाकिस्तान को देंगे कड़ा संदेश

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बिहार के दौरे पर रहेंगे। वे दरभंगा और मधुबनी जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी…

2 days ago

Pahalgam Attack: सरकार ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता रोका, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द, अटारी बॉर्डर बंद, भारत के फैसलों के मायने

दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। केंद्र सरकार ने मामले की…

2 days ago

कार्यालय केवल एक भवन नहीं, कार्य का आलय होना चाहिएः डॉ. भागवत

दिल्लीः RSS यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि कार्यालय केवल एक भवन नहीं,…

3 days ago

गर्मी के मौसम में अमृत सामान है नारियल पानी, जानें इसे पीने के फायदे, कितना पीना सुरक्षित और किन्हें नहीं पीना चाहिए

दिल्लीः गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। भीषण गर्मी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। ऐसे में…

4 days ago