दिल्ली डेस्क
दिल्लीः सरकार ने सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को औपचारिक क्षेत्र में लाने और उनके विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है।
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 20 मई को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसके प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई राशि में से 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी जबकि बाकी 40 प्रतिशत का राज्य सरकारें देंगी। सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को ऋण से संबद्ध सब्सिडी के माध्यम से मदद प्रदान की जायेगी। दो लाख ऐसे उद्यमों को यह सुविधा देने की योजना है। एसएचजी के माध्यम से पूरे देश में इसे लागू किया जायेगा। एसएचजी अपने सदस्यों को कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों के लिए ऋण उपलब्ध करायेंगे। हर एसएचजी को चार लाख रुपये की आरंभिक राशि दी जायेगी। इसमें अधिकतर ऐसे उद्यमों को अधिक फायदा होगा जो ग्रामीण इलाकों में कुटीर उद्योग की तरह काम कर रहे हैं।
एक अनुमान के अनुसार देश में 25 लाख अपंजीकृत, अनौपचारिक खाद्य प्रसंस्करण उद्यम हैं। इनमें करीब 66 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में हैं तथा लगभग 80 प्रतिशत का संचालन पारिवारिक कारोबार के रूप में हो रहा है। इस योजना से उन्हें नई प्रौद्योगिकी अपनाने, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में बेहतर पहुच बनाने तथा एक ब्रांड स्थापित करने में मदद मिलेगी।
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