लखनऊः प्रवासी श्रमिकों के नाम पर कांग्रेस और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच छिड़ी जुबानीा जंग थमने का नाम नहीं ल रही है। वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण रोजी- रोटी गंवा कर घर वापसी कर रहे प्रवासी श्रमिकों की खातिर कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गत शनिवार को पएक हजार बसें चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मला। इसके अगले दिन यानी रविवार को राजस्थान सरकार ने सीमा पर बसों का बेड़ा खड़ा कर दिया। इस बीच प्रियंका ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा और बसों के संचालन की अनुमति देने को कहा।

देर शाम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी और इसे कांग्रेस की कुटिल राजनीति का सूचक बताया। योगी ने कहा कि सरकार प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिये कटिबद्ध है और इसके लिये बसों का इंतजाम सीमावर्ती जिलों में किया जा चुका है। बाद में सूबे के अपर मुख्य सचिव गृह ने कांग्रेस से बस का रजिस्ट्रेशन नम्बर,फिटनेस प्रमाणपत्र,चालक परिचालक की सूची मांगी। कांग्रेस ने सोमवार दोपहर बाद यूपी सरकार को ये सारी चीजे भेज दी। कांग्रेस की सूची को स्वीकार करते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि चालक-परिचालक के साथ बसों को लखनऊ भेजा जाए।

प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह ने मंगलवार तड़के दो बजे यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिख कर कहा कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के सिलसिले में रविवार शाम चार बजे सरकार ने एक हजार बसों की सूची चालक परिचालक के नाम के साथ मांगी थी, जिसे उपलब्ध करा दिया गया है। अब आपने मंगलवार सुबह 10 दस लखनऊ में बसें उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है, जबकि प्रवासी गाजियाबाद और नोएडा स्थित दिल्ली सीमा पर फंसे है। ऐसे में बसों को लखनऊ भेजना समय और संसाधन की बर्बादी और गरीब विरोधी मानसिकता की उपज है। ऐसा लगता नहीं है कि आपकी सरकार श्रमिकों की मदद करना चाहती है। इसके जवाब में सरकार की ओर से अवनीश अवस्थी ने प्रियंका के निजी सचिव को पत्र लिखकर कहा कि 500 बसें गाजियाबाद के कौशांबी और साहिबाबाद बस अड्डे पर दोपहर 12 बजे तक उपलब्ध करा दें। इसके अलावा 500 बसे गौतमबुद्धनगर को एक्सपो मार्ट के निकट स्थित ग्रांउड में उपलब्ध कराने का कष्ट करें।

   अवनीश के पत्र का जवाब देते हुए प्रियंका के सचिव ने कहा कि 19 मई यानी मंगलवार सुबह 11 बजकर पांच मिनट पर पत्र मिलने के बाद इतनी जल्दी बस उपलब्ध कराना मुश्किल है, क्योंकि क्याेंकि दोबारा परमिट दिलाने की कार्यवाही की जा रही है। बसों की संख्या अधिक होने के कारण इसमें कुछ समय लगेगा। आग्रह है कि शाम पांच बजे तक समय देने की कृपा करें और साथ ही सरकार यात्रियों की सूची और रोडमैप तैयार रखे ताकि संचालन में हमें कोई दिक्कत न आये।

प्रियंका के निजी सचिव ने दोपहर एक बजे कांग्रेस के मीडिया ग्रुप में एक पोस्ट डाला कि बसें बार्डर पर तैयार खड़ी है, लेकिन उन्हे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि उन्हे ऊपर से कोई आदेश नहीं है। आखिर यह हो क्या रहा है। क्या तानाशाही है। बसों की कतार लगी है, मगर घुसने नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही कतारबद्ध बसो का वीडियो भी शेयर किया है।

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