संवाददाताः कांग्रेस ने मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है और सरकार से मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी को 300 रुपये प्रतिदिन करने की मांग की है।
पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने 17 मई को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लॉकडाउन के कारण गरीबों की रोजी-रोटी चली गयी है और प्रवासी श्रमिक गांव की तरफ लौट रहे हैं। इसलिये प्रवासी श्रमिकों को भी गांव में ही मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार मिलना चाहिए। उन्होंने सरकार से मनरेगा दीहाड़ी 300 रुपये प्रति दिन करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सितारमण ने मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित करने की आज घोषणा की है। इस तरह से सरकार ने आज स्वीकार किया है कि लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित शहरी गरीब और प्रवासी श्रमिक हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इनकी स्थिति को समझते हुए इन लोगो की जेब मे पैसा डालनी चाहिए और इनकी वित्तीय क्षमता बढ़ानी चाहिए।
शर्मा ने कहा कि गांव में गरीब महिलाए लॉकडाऊन से परेशान है। उनके जनधन खाते में 500 रुपये डाले गए है, लेकिन जनधन खाते सिर्फ 21 फीसदी महिलाओं के हैं। इसलिए मनरेगा से गरीब महिलाओं को पैसा दिया जाना चाहिए, उन सबकी मदद की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार जिसे पैकेज बात रही है, सही मायने में वह पैकेज नहीं है और ना ही वह जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत है, जैसा कि सरकार दावा कर रही है। यह लोगों को तत्काल लाभ देने वाला आर्थिक पैकेज भी नहीं, बल्कि अर्थव्यस्था बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता है और यह जीडीपी का 10 नहीं बल्कि महज तीन फीसदी है।