दिल्लीः वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर लागू लॉकडाउन की मियाद 17 मई यानी रविवार को समाप्त हो रही है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मई को कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति और लॉकडाउन को लेकर आगे की रणनीति पर विचार करने के ले सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री के साथ बैठक की। इस संक्रमण के मुद्दे पर मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ यह पांचवीं बैठक थी। करीब छह घंटे तक चली इस बैठक के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से 15 मई तक अपनी रणनीति बताने को कहा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक के दौरान पीएम कहा कि मेरा आप सबसे अनुरोध है कि आप 15 मई तक अपनी रणनीति बतायें कि आप अपने राज्य में लॉकडाउन की स्थिति से कैसे निपटना चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि राज्य लॉकडाउन के दौरान की और इससे धीरे- धीरे बाहर निकलने की योजना का ब्लू प्रिन्ट बनायें। उन्होंने कहा कि हमें आने वाले समय की चुनौतियों के तमाम पहलुओं के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा। मानसून के आगमन के साथ ही कोरोना से इतर कई बीमारियां आ सकती हैं और हमें उनके लिए तैयारी करनी होगी और अपने चिकित्सा तंत्र को मजबूत बनाना होगा उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारी रणनीति जैसी स्थिति वैसी कार्रवाई के अनुसार होनी चाहिए। हमारे सामने दोहरी चुनौती है। पहली संक्रमण के प्रसार की दर को कम करना और दूसरा जन आधारित गतिविधियों को बढाना। साथ ही हमें सभी दिशा- निर्देशों को ध्यान में रखना होगा। हमें इन दोनों लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में काम करना होगा।
पीएम ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि इस महामारी के बाद दुनिया में बहुत बदलावा आ चुका है। अब यह दुनिया कोरोना से पहले की और कोरोना के बाद की स्थिति में बंट गई है, जैसे विश्व युद्ध के पहले और बाद की स्थिति थी। इसलिए अब हमें अपने कामकाज की शैली में भी बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि जीवन की नयी शैली ‘जन से लेकर जग तक’ के सिद्धांत यानि व्यक्ति से समूची मानवता सिद्धांत पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि हम सभी को इस नयी वास्तविकता के लिए योजना बनानी होगी। जब हम लॉकडाउन के दौर से धीरे- धीरे निकलने की सोच रहे हैं तो हमें यह याद रखना होगा कि जब तक कोई वैक्सीन या समाधान नहीं मिलता है तब तक हमारे पास सबसे बडा हथियार सामाजिक दूरी ही है। उन्होंने ट्रेन सेवा शुरू किये जाने को लेकर कहा कि आर्थिक गतिविधियों को चालू करने के लिए यह जरूरी है। हालांकि अभी सारे रूटों को नहीं खोला जायेगा सिर्फ सीमित संख्या में ही रेलों को चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज राज्यों के साथ बात करने के बाद उन्हें विश्वास है कि देश इस लड़ाई में विजयी होकर उभरेगा।