संवाददाताः नरेन्द्र कुमार वर्मा

दिल्लीः आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हैं। दुनियाभर में बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं। दिल्ली में कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन का माहौल है। ऐसे वक्त में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर एक वेबीनार का आयोजन किया। तथागत बुध्द की 2564 वीं जयंती के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध संगठन सामाजिक समरसता मंच ने इस वेबीनार का आयोजन किया। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में तथागत बुध्द का संदेश विषय पर आयोजित इस वेबीनार में केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो भी कल्याणकारी योजनाएं चल रही है उनमें बुद्ध का संदेश निहित है। उन्होंने कहा कि पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिया को सरकारी स्तर पर मनाने का आदेश दिया। जिसके बाद संस्कृति मंत्रालय द्वारा बुद्ध जयंती को भव्यता के साथ मनाया जाता है। रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई बार यह संदेश दिया हैं कि भगवान बुद्ध के संदेशों पर चलकर ही भारत विश्वगुरु बनेगा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब सारी दुनिया कोविड-19 के प्रकोप से संकट में है तब हमें भगवान बुध्द के संदेश ही मानवता की रक्षा का संदेश देते है।
वेबीनार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध सारी दुनिया को मानवता और समानता का संदेश दिया और अहिंसा परमोधर्म का संदेश देकर भारत को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित किया। इंद्रेश कुमार ने कहा कि कोरोना संकट के वक्त हमें बुद्ध के मार्ग का अनुसरण करते हुए देखना चाहिए कि कोई गरीब और वंचित व्यक्ति इस संकट से परेशान न हो। उन्होंने कहा कि बुध्द पूर्णिमा के दिन सभी को अपने घरों में दीपक और अगरबत्ती जला कर बुध्द को याद करना चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए कि कोरोना संकट से विश्व के सभी लोगों को मुक्ति मिले। इंद्रेश कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में जो कार्य किए है वह हमारी राष्ट्रीय धरोहर है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने बुद्ध के पंचशील के सिध्दांतों पर चलते हुए हमेशा मानवता की सेवा की। उन्होंने कहा कि बुद्ध जब गया की यात्रा पर जा रहे थे तो उन्होंने सुजाता नाम की दलित महिला के हाथों से बनी खीर खाकर सामाजिक सदभाव और समरसता का परिचय दिया था। जिसकी आज के वक्त में बहुत जरूरत है।
वेबीनार में अंबेडकर भवन दिल्ली के अध्यक्ष कुमार सेन बौद्ध ने कहा कि तथागत बुद्ध ने भारतवर्ष की धरती से ही सारी दुनिया में मानवता का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि आज सारी दुनिया जिस तरह कोरोना जैसी महामारी से त्रस्त है। वैसी ही महामारी बुद्ध के वक्त में वैशाली नगर में फैली थी जहां उन्होंने रतन सुख का उद्घोष करते हुए सभी को मानवता की सेवा का संदेश दिया था। तथागत ने जबतक वैशाली को महामारी से मुक्त नहीं करा दिया तब वह वहीं रहे। कुमार सेन बौद्ध ने कहा कि बाबा साहब ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर देश के समक्ष सत्यता, समरसता और प्रेम का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बाबा साहब के पंच तीर्थस्थलों का विकास कर उन्हें राष्ट्रीय धरोहर के तौर पर राष्ट्र का समर्पित किया है जिन्हें देश हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अलीपुर में बाबा साहब का स्मारक, जनपथ पर अंबेडकर इंटरनेशल सेंटर, मुंबई में चैत्यभूमि, नागपुर में दीक्षा भूमि और लंदन में बाबा साहब के घर को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने के काम कर नरेन्द्र मोदी सरकार ने करोडों लोगों का दिल जीतने का काम किया है।
सामाजिक समरसता मंच व्दारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजु ने कहा कि आज के वक्त में जब कोरोना महामारी के चलते लोग सोशल डिस्टेंस को अपना रहे है। ऐसे वक्त में वेबीनार के माध्यम से इस तरह के आयोजन बहुत सार्थक संदेश देते है। तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए इस आयोजन के लि उन्होंने सामाजिक समरसता मंच को बधाई दी। वेबीनार का संचालन प्रदीप कुमार ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here