दिल्लीः कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कपर क्रमशः 10 रुपये और 13 रुपये का कर लगाने के सरकार के फैसले को आर्थिक देशद्रोह करार दिया है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने छह मई को ट्वीट तक कहा कि कोरोना वायरस से जारी लड़ाई हमारे करोड़ों भाइयों और बहनों के लिए गंभीर आर्थिक कठिनाई का कारण बन रही है। इस समय, कीमतें कम करने के बजाय पेट्रोल और डीजल पर 10-13 रुपए प्रति लीटर कर बढ़ाने का सरकार का निर्णय अनुचित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
उधर, कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ 130 करोड़ देशवासियों को देने के बजाए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पांच मई की रात के अंधेरे में लगभग 12 बजे एक बार फिर पेट्रोल और डीज़ल पर क्रमशः 10 रुपए और 13 रुपए प्रति लीटर का अतिरिक्त टैक्स लगा दिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीज़ल पर निर्दयी तरीके से यह कर लगा कर सरकार मुनाफाखोरी कर रही है। विपदा की इस घड़ी में पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स लगाकर देशवासियों की गाढ़ी कमाई को लूट कर ‘आर्थिक देशद्रोह’ कर रही है। इस महामारी के  गंभीर संकट में पूरी दुनिया की सरकारें जनता की जेब में पैसा डाल रही हैं लेकिन भाजपा सरकार देशवासियों से मुनाफाखोरी और जबरन वसूली की हर रोज नयी मिसाल पेश कर रही है।
सुरजेवाल ने कहा कि ​14 मार्च को सरकार ने पेट्रोल तथा डीज़ल पर 3 रुपए का कर लगाया था तथा अब  और 10 और 13 रुपए बढा दिए है। उन्होंने कहा कि 14 मार्च से चार मई के बीच 48 दिन में मोदी सरकार ने डीज़ल पर 16 रुपए प्रति लीटर टैक्स तथा पेट्रोल पर 13 रुपए प्रति लीटर टैक्स लगा दिया। सिर्फ  इस टैक्स बढ़ोत्तरी से मोदी सरकार जनता की जेब से 1,40,000 करोड़ रुपए सालाना लूटेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here