आईएमएफ के एशिया एवं प्रशांत विभाग के निदेशक चांग्योंग री ने कहा कि हम भारत सरकार के लॉकडाउन की पहल का स्वागत करते हैं। निश्चित रूप से इससे विकास दर में गिरावट आयेगी, लेकिन यह एक विवेकपूर्ण फैसला है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने भी उचित वित्तीय उपाय किये हैं, लेकिन यदि यह संकट जब समाप्त होगा तो और अधिक उपाय करने होंगे। भारत के पास इतनी गुंजाइश है कि वह सबसे जरूरी काम पर पहले ध्यान दे।
आईएमएफ ने बैठक के पहले दिन 14 अप्रैल को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 1.9 प्रतिशत रहेगी, जबकि वैश्विक विकास दर तीन फीसदी ऋणात्मक रहेगी।
चांग्योंग री कहा कि कोविड 19 की शुरुआत होते समय भारत में आर्थिक सुस्ती थी। इसलिए देश के लिए आर्थिक सुधार का रास्ता ज्यादा अनिश्चित है। इसके बावजूद सरकार ने राष्ट्र व्यापी लॉकडाउन लागू किया। हम इसका समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह चुनौती भरा समय है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र इसका अपवाद नहीं है। इस क्षेत्र पर कोरोना वायरस का प्रभाव काफी गंभीर, व्यापक और अभूतपूर्व होगा। इस साल एशिया की विकास दर शून्य रह जायेगी। पिछले 60 साल में एशियाई अर्थव्यवस्था ने शून्य विकास दर नहीं देखा है।
क्षेत्र इसका अपवाद नहीं है। इस क्षेत्र पर कोरोना वायरस का प्रभाव काफी गंभीर, व्यापक और अभूतपूर्व होगा। इस साल एशिया की विकास दर शून्य रह जायेगी। पिछले 60 साल में एशियाई अर्थव्यवस्था ने शून्य विकास दर नहीं देखा है।