उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर 26 दिसंबर को देर रात लखनऊ सहित राज्य के 21 जिलों में एहतियातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई तथा राज्य में जुमे की नमाज और हिंसा की संभावना पर पूरे राज्य में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य में सभी संवेदनशील स्थानों पर कड़ा सुरक्षा घेरा बना दिया गया है । धारा 144 लगी हुई है। राज्य में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं।
प्रशासन ने राजधानी लखनऊ ,मेरठ,सहारनपुर, आगरा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बिजनौर,बरेली फीरोजाबाद समेत 21 जिलों में इंटरनेट सेवा 26 दिसंबर की रात से ही बंद कर दी है ।
उधर, राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को छूट दे रखी है कि यदि सांप्रदायिक तनाव की संभावना है तो एहतियात के तौर पर अपने इलाके में इंटरनेट को बंद करा सकते हैं।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि सभी जिलों में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई है और लोगों को इस कानून के बारे में जानकारी दी जा रही है । संवेदनशील इलाकों में गश्त की जा रही है और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की जा रही है ।
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में मौलानाओं, मौलवियों और मुस्लिम संगठनों से शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग की अपील की गई है । लोगों को आगाह किया गया है कि वे किसी के बहकावे में नहीं आयें और हिंसा से दूर रहें । पुलिस का पूरा प्रयास है कि किसी निर्दोष पर कोई कार्रवाई न हो लेकिन हिंसा में शामिल लोगों को कसी भी हालत में छोड़ा नहीं जायेगा ।
पुलिस के अनुसार राज्य में हिंसक प्रदर्शन के दौरान अब तक 1113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 5558 लोगों को हिरासत में ले कर पूछताछ की गई है । सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर 93 प्राथमिकी दर्ज कर 124 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । ट्विटर से 9372 पोस्ट हटाये गये हैं और सोशल साइट फेसबुक से 9856 पोस्ट को डिलीट किया गया है । इसके अलावा यू टयूब से 181 पोस्ट हटाये गये हैं ।
राज्य में हिंसक प्रदर्शनों के 288 पुलिस वाले घायल हुये हैं जिनमें 61 को गोली लगी है ।