Subscribe for notification

आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक 21 दिसम्बर 2019
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2076
शक संवत – 1941
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार मार्गशीर्ष)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – दशमी शाम 05:15 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र – चित्रा शाम 07:50 तक तत्पश्चात स्वाती
योग – शोभन दोपहर 11:28 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
राहुकाल – सुबह 09:46 से सुबह 11:06 तक
सूर्योदय – 07:12
सूर्यास्त – 18:00
दिशाशूल – पूर्व दिशा में

व्रत पर्व विवरण

विशेष – ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)

हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)

नौकरी – व्यवसाय में सफलता, आर्थिक समृद्धि एवं कर्ज मुक्ति हेतु कारगर प्रयोग शनिवार के दिन पीपल में दूध, गुड, पानी मिलाकर चढायें एवं प्रार्थना करें – ‘हे प्रभु ! आपने गीता में कहा है कि वृक्षों में पीपल मैं हूँ । हे भगवान ! मेरे जीवन में यह परेशानी है । आप कृपा करके मेरी यह परेशानी (परेशानी, दुःख का नाम लेकर ) दूर करने की कृपा करें । पीपल का स्पर्श करें व प्रदक्षिणा करें ।

हिन्दू पंचांग

एकादशी व्रत के लाभ

21 दिसम्बर 2019 शनिवार को शाम 05:16 से 22 दिसम्बर, रविवार को शाम 03:22 तक एकादशी है ।
विशेष – 22 दिसम्बर, रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।

एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है

admin

Recent Posts

विरासत, लोक कला- आधुनिकता को समेटे विश्वस्तरीय बन रहा है जयपुर का गांधीनगर स्टेशन, यात्री जल्द ही करेंगे वैश्विक सुविधाओं की अनुभूति

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे जयपुरः गुलाबी नगरी के नाम से मशहूर राजस्थान की राजधानी जयपुर के गांधीनगर स्टेशन का कायाकल्प…

40 minutes ago

पानी पारस के समान, जहां भी स्पर्श करे नई ऊर्जा और शक्ति को जन्म देता हैः मोदी

जयपुरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पानी का सामर्थ और महत्व बताया। साथ ही उन्होंने इसकी तुलना पारस से…

1 day ago

सुगम, तीव्र और पर्यावरण अनुकूल यातायात को मिलेगा बढ़ावा, मोदी ने लॉन्च की पश्चिमोत्तर रेलवे की चार परियोजनाएं

  जयपुरः यात्रियों को सुगम, तीव्र और पर्यावरण अनुकूल यातायात की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में पश्चिमत्तर रेलवे तेजी…

1 day ago

खुली जीप में अभिवाद, राजस्थानी पगड़ी और बोली से मोदी ने लोगों को रिझाया

संवाददाताः संतोष कुमाार दुबे जयपुरः हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोगों को अचम्भित कर दिया। पीएम…

1 day ago

चला गया तबले का एक नाद, 73 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए उस्ताद जाकिर हुसैन

दिल्लीः विश्व विख्यात तबलावादक उस्ताद जाकिर हुसैन 73 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह कर चले गए। जम्मू-कश्मीर…

3 days ago

नहीं रहे उस्ताद जाकिर हुसैन, 73 साल की उम्र में सैन फ्रांसिस्को में ली अंतिम सांस

दिल्लीः विश्वविख्यात तबला वादक एवं पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे। 73 साल की उम्र में…

3 days ago