दिनांक 20 दिसम्बर 2019
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2076
शक संवत – 1941
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार मार्गशीर्ष)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – नवमी शाम 07:17 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र – हस्त रात्रि 09:10 तक तत्पश्चात चित्रा
योग – सौभाग्य दोपहर 02:21तक तत्पश्चात शोभन
राहुकाल – सुबह 11:05 से दोपहर 12:24 तक
सूर्योदय – 07:11
सूर्यास्त – 18:00
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में

विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

 

घर में सुख-शांति के लिए

घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के १०८ परिक्रमा करें |

राशि विशेष

मेष और वृश्चिक राशि जिनकी है, उनके जीवन में अगर विघ्न, कष्ट और समस्याये आती है | तो उनको चाहिए मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है | मंगल गायत्री का जप किया करें |
मंगल गायत्री मंत्र ॐ अंगारकाय विद्महे | शक्तिहस्ताय धीमहि | तन्नो भौम प्रचोदयात |…. ॐ मंगलाय नम: ||
ये मंगल गायत्री बोले और हर मंगलवार को मसूर की डाल के दाने वो थोड़े पक्षियों को डाल दे | और जब स्नान करें तो लाल चंदन का पावडर मिल जाये तो एक चुटकी पावडर बाल्टी में डाल दिया थोडा हिलाकर उससे स्नान कर दे | बहुत फायदा होगा |
वृषभ और तुला राशि जिनकी है वो शुक्रवार को खीर बना लें | उसमे दूध न दिखे चावल पक जाये (दूध और चावल ) शुक्रवार के दिन वो थोड़ी ठंडी करके गौ माता ( देशी गाय ) को खिलाये | पक्षियों कों थोड़े शुक्रवार को चावल के दाने डाल दे | और थोडा इलायची पावडर, थोडासा केसर पानी में डाल दिया स्नान कर लिया बहुत लाभ होगा |
मिथुन और कन्या राशि उसके स्वामी बुध है | कन्या राशि के स्वामी राहू भी माने गये है | इस राशिवालों को चाहिए की बुधवार को हारे मुंग थोडे से पक्षियों को डाल दे नहीं तो गाय को दे सकते है | और ॐ गं गणपतये नमः जप करें, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें, गुरुमंत्र का जप जादा करें |
कर्क राशि जिनकी है उसके स्वामी चंद्रदेव माने गये है | कर्क राशिवालों चाहिए की यथाशक्ति थोड़े चावल पक्षियों डाले और सोमवार को शिवलिंग पर दूध, जल चढ़ाकर मंत्र बोले –
ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात् ।
ये भी याद न रहे तो – ॐ हरि ॐ ॐ करते हुए दूध , जल चढ़ा दिया | चंद्रमा को अर्घ्य दे दिया शुक्ल पक्ष में , दूज से पूनम तक अगर न कर पायें तो हर पूनम को दें चद्रंमा को अर्घ्य और मन में बोले की भगवान ने गीता में अपने कहाँ है – नक्षत्र का अधिपति मैं ही हूँ मेरा अर्घ्य स्वीकार करों और मेरे जीवन में दुःख, दरिद्रता दूर करों, तो बहुत फायदा होगा |
सिंह राशि जिनकी है इसके स्वामी सूर्य है | नित्य सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए | अगर सिंह राशिवालों को अगर तकलीफ आती है तो गेहूँ के दाने थोड़े रोज नहीं तो हर रविवार को पक्षियों को डालने चाहिए | और गेहूँ के आटे की रोटी और गुड़ गाय को खिला दे, गाय न मिले तो किसी गरीब को दे दे और गुरुमंत्र का जप खूब करें | रविवार को विशेष ऐसे लोग जिनकी सिंह राशि है जप जादा करे |
धनु और मीन जिनकी राशि है | इसके स्वामी भगवान ब्रहस्पतिजी है | लेकिन मीन के स्वामी केतु भी बताये जाते है | तो धनु और मीन राशिवालों को चाहिए की गुरु में भक्ति खूब बढ़ाये क्योंकि इसके स्वामी ब्रहस्पतिजी है | धनु और मीन राशि जिनकी है वो रोज थोड़ी देर गुरुदेव की तस्वीर सामने रखकर मंत्र बोले – ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |…… ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |
गुरुवार को आम के पेड़ को चावल, जल, चने के दाने मिलाकर चढ़ा सकते है और बैठकर थोड़ी देर गुरुमंत्र का जप कर लें | और नवरात्रि शुरू है तो एक टाइम भोजन एक टाइम फलाहार करना – हो सके तो और पूरी रात को नही तो जप करना १५ -२० मिनट तो नवरात्रि से बापूजी के अवतरण दिवस तक करें | ( इसमें नवरात्रि, हनुमान जयंती और गुरुदेव का अवतरण दिवस आता है ) तो धनु और मीन राशिवाले गुरु उपसाना करनी ही चाहिए और मीन राशि वालों को गणपति का जप – ॐ गं गणपतये नमः करना चाहिए | आप जब सत्संग में बैठते है गुरुदेव के तो पूरा ध्यान गुरुदेव के वचनों में होता है वो आदमी गणपतिजी की उपसाना कर रहा है | उसकी हर क्षण गणेश पूजा हो रही है | क्योंकि गणेश विवेक की देवता है भगवान गणेश |
मकर और कुंभ राशि जिनकी है | इसके स्वामी शनिदेवता है | तो इन राशिवालों को चाहिए की हनुमान चालीसा का पाठ पूरी ना पढ़ सके.

 

 

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