ओडिशा में बालासोर से 15 किलोमीटर दूर चांदीपुर के समुद्र तट स्थित एकीकृत परीक्षण क्षेत्र से भारत और रूस के संयुक्त उद्यम परियोजना के तहत तैयार सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का मंगलवार को सफल परीक्षण किया गया। 290 किलोमीटर मारक क्षमता वाली मिसाइल के इस सैन्य संस्करण में 200 किलोग्राम तक पारंपरिक मुखास्त्र ले जाने की शक्ति है। इस मिसाइल का परीक्षण आईटीआर के परीक्षण परिसर–3 से सुबह पौने बजे किया गया। नौ मीटर लंबी यह मिसाइल दो सेंकेंड में 14 किलोमीटर तक की ऊंचाई हासिल कर सकती है। यह ठोस प्रणोदक से चार्ज की जाती है और इसमें एक पूर्व निर्धारित मार्ग प्रणाली है जो लक्ष्य से 20 किमी की दूरी पर मार करने के लिए अपनी रणनीति बदल सकती है। उल्लेखनीय है कि इस मिसाइल का ब्रह्मोस भारत की ब्रह्मपुत्र तथा रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। यह मिसाइल को ब्रह्मोस एयरोस्पेस के तहत भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के फेडरेशन स्टेट यूनिटरी इंटरप्राइजेज एनपीओ मशिनोस्त्रोयेनिया (एनपीओएम) के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में विकसित किया गया
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