पटना –आम आदमी पार्टी के द्वारा ऐतिहासिक कारगिल चौक पटना में CAA कानून को वापस करने तथा NRC को खत्म करने के लिए भारत के गृहमंत्री अमित शाह का पुतला फूंका गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पटना जिला अध्यक्ष चौधरी ब्रह्म प्रकाश सिंह यादव ने की।

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश अध्यक्ष शत्रुघ्न साहू ने कहा कि CAA (सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट) नागरिकता संशोधन कानून भारत के संविधान की आत्मा,” प्रस्तावना” पर कुठाराघात है। संविधान की प्रस्तावना में पंथ निरपेक्षता, धार्मिक स्वतंत्रता और ब्यक्ति की गरीमा पर यह कानून सीधा वार किया है। समय रहते यदि इस कानून को वापस नहीं किया गया तो देश और आम आवाम को भारी नुकसान पहुचेगा। अच्छे दिन का सपना दिखाकर बहुमत हासिल करने वाली सरकार ने इस कानून से भारत के संघीय ढांचा पर हमला कर जनादेश के पीठ में छूरा भोंका है। आजादी के पचहत्तर सालों में पाकिस्तान ने कभी CIA कभी आतंकवादी गतिविधियां तथा हजारों हजार करोड़ रुपये लगाकर भी भारत को जितना अस्थिर नहीं कर पाया और यहाँ के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ नहीं पाया उससे ज्यादा नुकसान केंद्र सरकार ने इस CAA कानून को लाकर कर दिया है।

साहू ने कहा कि CAA कानून से सबसे ज्यादा बिहार वाशियों को घाटा होगा क्योंकि आसाम में NRC से बाहर किए गए 19 लाख लोगों में से 7 लाख मुसलमानों को छोड़ कर 12 लाख लोगों में ज्यादातर बिहारी हैं उसमें भी अधिकांश गरीव लोग है।

उन्होंने कहा भाजपा की माने तो वंशवादी-भ्रष्टाचारी कांग्रेस की डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में जब कच्चे तेल की किमत अधिकतम स्तर पर थी तब GDP का दर 10.50 % था लेकिन अब ईमानदार राष्टवादी सरकार में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की किमत न्यूनतम स्तर पर होने के बावजूद GDP का दर 4.5 पर पहुंच जाना एक भयानक आर्थिक संकट तथा आर्थिक त्रासदी है। इससे उबरने के लिए भारत सरकार के पास कोई ठोस उपाय नहीं है। बेरोजगारी चरम पर है। लूट,हत्या और नाबालिग बेटियों के साथ दूष्कर्म के घटनाओं से देश उबल रहा है।

साहू ने कहा कि नोटबंदी एवं जीएसटी के दंश से व्यवसायी और जनता सभी कराह रहे हैं और सरकार के पास अच्छे दिन बताने या इन समस्याओं के निराकरण का कोई उपाय नहीं है। बेवस सरकार भावनात्मक मुद्दे उछाल कर देश को गुमराह करना चाहती है और नौजवानों को भटकाव के रास्ते पर छोड दी है। CAA कानून इसी कडी का हिस्सा है। इस कानून से हिंदु, मुसलिम,सिख, ईशाई में से किसी का भी भला नही होने वाला है। यह कानून समाज एवं राष्ट्र में विद्वेष फैला कर केंद्र की सरकार समाज को बांटना चाहती है और देश को तोडना चाहती है, जो ठीक नहीं है। भारत सरकार को देश की उबलती हुई परिस्थितियों और चुनौतियों को गंभीरता एवं संवेदना पुर्वक विचार करना चाहिए तथा विशेष संसद सत्र बुलाकर CAA कानून को वापस कर लेना चाहिए तथा NRC को खत्म कर देना चाहिए। वरना अंतरराष्ट्रीय कानून की दखलअंदाजी भारत की संप्रभुता को भारी नुकसान पहुँचायेगी।

कहा कि जनता की ताकत सबसे बड़ी ताकत है और आज यदि जनता सड़क पर है तो इस कानून को बापस लेना चाहिए। छद्म राष्ट्रवाद के आड़ में राष्ट्र को तोड़ना चाहती है।

मौके पर प्रदेश सचिव ई० उमा शंकर, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष लोकेश सिंह, कार्यालय प्रभारी कृष्ण मुरारी, प्रदेश प्रवक्ता गुल्फिंसा यूसुफ, अंजुम वारी, शाहनवाज, धर्मेंद्र कुमार सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

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