उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएबी) को चुनौती देने वाली
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर त्वरित सुनवाई से शुक्रवार को इंकार कर दिया।
सुश्री मोइत्रा के वकील ने मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया।
वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि याचिका को आज अथवा 16 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें, लेकिन न्यायालय ने इससे इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति बोबडे ने सुश्री मोइत्रा के वकील से कहा है कि वह इस मामले को मेशनिंग ऑफिसर के सामने उल्लेख करे।
इस अधिनियम के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी गुरुवार को ही शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पीस पार्टी, रिहाई मंच और वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी आज याचिका दायर की है।
इसके अलावा केरल के विपक्षी नेता रमेश चेन्नीथाला ने भी कहा कि मैंने उच्चतम न्यायालय में सीएबी के मामले में शामिल होने का फैसला लिया है क्योंकि यह संविधान का उल्लंघन है। केरल के लोग इस अधिनियम के विरोध में हैं।