कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बुधवार को संविधान के इतिहास का काला दिन और नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी मिलना  देश के बहुलतावाद पर संकुचित सोच की जीत बताया।

राज्यसभा से इस विधेयक को पारित होने के बाद श्रीमती गांधी ने  कहा कि यह विधयक हमारे उन पूर्वजो के विचारों को चुनौती देता है,  जिन्होंने देश मे धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ी है।
उन्होंने कहा कि विधेयक हमारे देश की समानता के अधिकार तथा धर्म, जाति, पंथ, भाषा या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करने की परंपरा को तोड़ता है। उन्होंने  कहा कि हमने हमेशा सभी देशों तथा सभी धर्मों के लोगो को महत्व दिया है। हमने कभी किसी समुदाय के व्यक्ति की सुरक्षा को कम नहीं होने दिया।  उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह विधेयक ऐसे समय पर आया जब देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की की 150वी जयंती मना रहा है।
इस विधेयक  में पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बंगलादेश से प्रताड़ित होकर आए हिन्दू,सिख,जैन, बौध और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है और कांग्रेस इसका  विरोध कर रही है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here