देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति इन दिनों अच्छी नहीं है।  इसी बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। दास ने बुधवार को कहा कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियां उनके समक्ष कुछ चुनौतियां खड़ी कर सकती है इसलिये बैंकों को पूरी मुस्तैदी के साथ इनका मुकाबला करने के लिये तैयार रहना चाहिये। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बातचीत में दास ने इस बात पर भी गौर किया कि बैंकिंग क्षेत्र में सुधार आ रहा है और यह मजबूत बना हुआ है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि वर्ष की दूसरी तिमाही में छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

रिजर्व बैंक ने इसे देखते हुये चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि का अनुमान भी कम करके पांच प्रतिशत कर दिया है।  रिजर्व बैंक की यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गवर्नर ने इस बात पर गौर किया है कि बैंकिंग क्षेत्र में कुछ सुधार आया है और मौजूदा आर्थिक स्थिति में कुछ चुनौतियां खड़ी होने की आशंका के बावजूद क्षेत्र में मजबूती बनी हुई है। उन्होंने बैंकों से कहा कि वह उभरती चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये पूरी तरह से मुस्तैद रहें।

उन्होंने खासतौर से दबाव वाली संपत्तियों के समाधान में समन्वित तरीके से काम करने को कहा है।  दास ने इस दौरान बैंक प्रमुखों के साथ मौद्रिक नीति दर में की गई कटौती का लाभ आखिरी लाभार्थी तक पहुंचाने पर भी विचार विमर्श किया।  उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने इस साल पांच द्विमासिक समीक्षाओं में कुल मिलाकर 1.35 प्रतिशत कटौती की है हालांकि केन्द्रीय बैंक ने गत सप्ताह की गई समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here